Physical Education Department | शारीरिक शिक्षा विभाग द्वारा कराया गया वाद विवाद प्रतियोगिता आयोजन
शारीरिक शिक्षा विभाग (Physical Education Department) द्वारा वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन डीएसबी परिसर नैनीताल में कला संकाय के सेमिनार हॉल में आयोजित किया गया। जिसका विषय. इंडिया इस रीपिंग थे बेनिफिट्स ऑफ इट्स- “India is reaping the डेमोग्राफिक डिविडेंड (भारत अपने जनसंख्या- लाभांश का सदुपयोग कर रहा है).
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जिसमें प्रथम स्थान 76 अंकों के साथ मानसी सामंत (बी पी ए एस तीन सेमेस्टर), द्वितीय स्थान कुल 66 अंकों के साथ नकुल देव बी ए तीन सेमेस्टर तथा तृतीय स्थान 65 अंकों के साथ शांतनु वर्मा ( बी पी एस पंचम सेमेस्टर ने प्राप्त किया।
इस प्रतियोगिता में प्रथम व द्वितीय स्थान प्राप्त की विजेता को कुमाऊं विश्वविद्यालय अंतर महाविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने का अवसर प्राप्त होगा।यह प्रतियोगिता इस वर्ष डी एस बी परिसर नैनीताल द्वारा कराई जा रही है। बाद विवाद प्रतियोगिता 21 सितंबर को प्रातः 10 बजे से होगी। इस अवसर पर चयनकर्ता के रूप में प्रो० ललित तिवारी, डॉ॰ सारिका वर्मा, डा० संतोष कुमार व अनीता रावत थे। Physical Education Department
हिंदी भाषा का 2 लाख का पुरुस्कार प्राप्त
कुमाऊं विश्वविद्यालय शिक्षक संघ कूटा ने प्री अतुल जोशी को हिंदी भाषा का 2 लाख का पुरुस्कार प्राप्त होने पर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दी है। कूटा ने इसे गौरव कहा है। प्रो जोशी कॉमर्स के डीन तथा विभागाध्यक्ष है। कूटा ने उन्हें बधाई दी ।कूटा ने पत्रकार शीतल तिवारी को दुबई में पुरुस्कार प्राप्त होने पर उन्हें बधाई एवं शुभ कामनाएं दी है कूटा की तरफ से प्रो ललित तिवारी, प्रो नीलू लोधियाल, डॉक्टर विजय कुमार ,डॉक्टर दीपक कुमार, डॉक्टर संतोष कुमार ,डॉक्टर दीपाक्षि जोशी, प्रो अनिल बिष्ट, डॉक्टर उमंग सैनी,डॉक्टर पैनी जोशी, डॉक्टर सीमा चौहान डॉक्टर दीपिका पंत, डॉक्टर रितेश साह, प्रो युगल जोशी ,प्रो संजय पंत ने बधाई देते हुए खुशी व्यक्त किया है।
‘आत्मा के स्वर’ का विमोचन Physical Education Department
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के अभिभाषणों के संकलन पर आधारित पुस्तक ‘आत्मा के स्वर’ का विमोचन किया। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) भी मौजूद रहे। ‘आत्मा के स्वर’ पुस्तक राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षान्त समारोह आदि के 108 प्रमुख सम्बोधनों का संकलन है। इस दौरान राजभवन में विभिन्न क्रियाकलापों में अपनायी जाने वाली बेस्ट प्रेक्टिसेज पर आधारित लघु फिल्म ‘‘देवभूमि में कर्तव्य पथ पर दो वर्ष’ को प्रदर्शित किया गया। 10 मिनट की इस लघु फिल्म में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के दो वर्षों के कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में हुई अभिनव पहलों और कार्यों को प्रदर्शित किया गया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि जब एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी कोई पुस्तक लिखता है तो समझा जा सकता है कि उसका हृदय भाव और भावनाओं से किस प्रकार भरा हुआ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल ने हमेशा आगे बढ़कर भारत माता की सेवा की और पिछले दो वर्ष से राज्यपाल के रूप में देवभूमि में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। “महान संकल्प ही महान फल का जनक होता है“, और उन्हें लगता है, ऐसा ही महान संकल्प अपनी पुस्तक ’’आत्मा के स्वर’’ लिखते समय हमारे राज्यपाल ने लिया होगा। Physical Education Department
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस आत्मा-परमात्मा की चर्चा होती है, उस आत्मा का स्वर भी है, लेकिन उसे सुनने के लिए एक विशेष खूबी चाहिये। इस खूबी को सुनकर ही राज्यपाल महोदय द्वारा ’’आत्मा के स्वर’’ पुस्तक लिखी गई है। उन्होंने कहा कि हम आत्मा का स्वर सुनने की क्षमता अपने भीतर विकसित कर सकते हैं, क्योंकि इसका बीज सभी मनुष्यों में मौजूद होता है। उन्हें लगता है कि राज्यपाल ने इस पुस्तक का नाम यूं ही ’’आत्मा के स्वर’’ नहीं रखा होगा, आपने अपनी आत्मा के स्वर सुनने के पश्चात, गहन विचार करके, अपने जीवन के तजुर्बों की माला बनाने के लिए एक-एक शब्द के रूप में अपने अनुभवों को इस पुस्तक में पिरोया हैं। इसके लिये निश्चित रूप से वे साधुवाद के पात्र है।
मुख्यमंत्री ने सभी से एक बार इस पुस्तक को पढ़ने और दूसरों को भी पढ़ने के लिए प्रेरित करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी इस पुस्तक को पढ़ेंगे। उन्हें विश्वास है कि राज्यपाल ने अपनी इस पुस्तक में बहुत कुछ ऐसा लिखा होगा जो हमें ज्ञान देगा और आगे बढ़ने के लिए एक नई राह दिखाएगा। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की कार्यशैली एवं अनुशासन हमें प्रेरणा देने का कार्य करती है। आत्मा के स्वर पुस्तक विकल्प रहित संकल्प के साथ हमें राज्य के विकास में निरंतर कार्यरत रहने की भी प्रेरणा प्रदान करेगा।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि हमें अपने विचारों और अपने कार्यों को अंकित करना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि मेरी हार्दिक इच्छा थी कि बहुत सी पुस्तकें लिखुं और अपने अनुभव, विचार और चिंतन को समाज के सामने रखूं। दो वर्षों में उत्तराखण्ड और देश के दूसरे स्थानों में बहुत से कार्यक्रमों, उत्सवों, दीक्षांत समारोह और जन संवादों से जो आत्मा के स्वर प्रकट हुए हैं उन्हें उन्हीं भावों, विचारों से पुस्तक ने आकार लिया है। इस पुस्तक में 108 अभिभाषण शामिल किए हैं जो अपने आप में दिव्य अक्षर हैं। Physical Education Department
उत्तराखण्ड हेतु पांच मिशन निर्धारित कि
राज्यपाल ने दो वर्षों के कार्यकाल के दौरान अपने अनुभवों को साझा किया और कहा कि उत्तराखण्ड हेतु पांच मिशन निर्धारित किए हैं जो उत्तराखण्ड को देश में अग्रणी राज्यों में शामिल करने में सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक में मेरे अभिव्यक्त भावों में भारतीय सैन्य गौरव, राष्ट्रीय चेतना, सामाजिक एकता, भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिक चिंतन समाहित है। इसके अलावा पुस्तक में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति, सैन्य साहस, वीरता, नारी शक्ति का योगदान, उत्तराखंड की बेटियों की उपलब्धियां, आदि भी समाहित हैं।
इस दौरान कार्यक्रम में सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन ने उपस्थित लोगों का स्वागत किया। संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय ने पुस्तक एवं लघु फिल्म के संबंध में जानकारी दी। इस कार्यक्रम में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव डॉ.एस.एस.संधु, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, आनंद वर्द्वन, डीजीपी अशोक कुमार, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, अपर सचिव श्रीमती स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव सहित विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। Physical Education Department