हरिद्वार । आईआईटी रुड़की में वाटर कॉन्क्लेव की शुरुआत हुई जिसमें विभिन्न वैज्ञानिकों ने अपने विचार व्यक्त किए। वाटर कॉन्क्लेव में जल की सुरक्षा तथा इसके संरक्षण को लेकर चर्चा की गई। इस सम्मेलन का उद्देश्य पानी के सतत प्रबंध तथा सैनिटेशन को बढ़ावा देना है ताकि हर व्यक्ति को सुरक्षित रूप से पानी मिल सके और पानी के सतत उपयोग से जुड़ी समस्याओं को दूर किया जा सके। सम्मेलन के मुख्य अतिथि अशोक कुमार ने कहा कि वाटर कॉन्क्लेव के माध्यम से वैज्ञानिकों ने जल के संरक्षण तथा भविष्य में इसके उपयोग को लेकर विचार विमर्श किया।
उन्होंने कहा कि यदि हम जल का बेतहाशा इस्तेमाल करेंगे और इसकी बर्बादी करेंगे तो भविष्य में पानी की कमी से जूझना पड़ सकता है। एनआईएच के कार्यवाहक निदेशक डॉक्टर सुधीर कुमार ने कहा की वर्तमान परिस्थितियों में जल संरक्षण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है यदि जल की बर्बादी को नहीं रोका गया तो आने वाले दिनों में पानी की कमी से जूझना पड़ सकता है।
अच्छा यही है कि इसको संरक्षित करके उसके उपयोग पर जोर देना होगा सरकार भी अब बड़े बांधों की जगह अधिक वर्षा वाले स्थानों पर जल संरक्षण पर जोर दे रही है।
आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि जल सुरक्षा एवं संरक्षण को लेकर अनेक संस्थान एवं वैज्ञानिक काफी काम कर रहे हैं, लेकिन इस बारे में कोई ठोस नीति नहीं बन पाई है वाटर कांक्लेव का उद्देश्य सभी वैज्ञानिकों को एक प्लेटफार्म पर लाकर इस बारे में एक मसौदा तैयार करके सरकार को भेजना है ताकि इस पर एक ठोस नीति बनाई जा सके।