(SIM Swap Fraud) मोबाइल सिम कार्ड स्वैपिंग का मतलब है, मोबाइल का सिम कार्ड बदलना। यह ठगी का नया तरीका है जो यूजर्स की जानकारी के बगैर किया जाता है। इस धोखाधड़ी के तहत जालसाज मोबाइल सर्विस प्रोवाइडर की मदद से एक ही नंबर पर नया सिम कार्ड जारी कर देते हैं। इसके बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी के जरिए आपके बैंक अकाउंट और उससे जुड़ी सारी जानकारी हासिल कर लेते हैं।
ऐसे होता है सिम फ्रॉड
जालसाज फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग आदि सोशल इंजीनियरिंग तकनीक के जरिए व्यक्ति के बैंक खातों का विवरण और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर हासिल कर लेते हैं।
इसके बाद हैकर असली सिम को ब्लॉक कराने के लिए फर्जी आईडी प्रूफ के साथ मोबाइल ऑपरेटर के रिटेल आउटलेट पर जाता है और ओरिजिनल सिम को ब्लॉक करवा देता है।
इसके बाद वेरिफिकेशन होते ही ग्राहक की सिम निष्क्रिय कर दी जाती है और नकली ग्राहक नया सिम कार्ड जारी कर लेते हैं।
अब ठग फिशिंग साजिशों के जरिए पीड़ित व्यक्ति के खातों में धोखाधड़ी और लेनदेन करने के लिए नए सिम का इस्तेमाल करने लगते हैं।
ऐसे करें सुरक्षा
1. सोशल इंजीनियरिंग तकनीकों जैसे फिशिंग, विशिंग, स्मिशिंग से सावधान रहें।
2. अगर आपका नंबर इनएक्टिव होता है, खासतौर पर अगर उस खाते से बैंक अकाउंट जुड़े हैं तो तुरंत अपने मोबाइल ऑपरेटर से संपंर्क करें।
3. बुरी परिस्थितयों से बचने के लिए तुरंत बैंक अकाउंट पासवर्ड चेंज कर दें।
4. रेगुलर SMS अलर्ट के साथ-साथ ईमेल अलर्ट भी ऑन रखें। ऐसे में अगर आपकी जानकारी के बिना कोई अमाउंट निकासी की जाती है, तो आपको ईमेल पर अलर्ट दे दिया जाता है।
5. हमेशा अपने बैंक अकाउंट स्टेटमेंट समय रहते चेक करते रहें।
6. फ्रॉड होने की स्थिति में तुरंत फोन बैंकिंग से संपर्क करें या फिर साइबरदोस्त (Cyber Dost) को तुरंत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Koo App पर संपर्क करें।