मुंबई। महाराष्ट्र समेत देशभर में कोरोना महामारी की धीमी पड़ रही रफ्तार के बीच एक नए वेरिएंट ने तहलका मचा दिया है। देश में इस खतरनाक वेरिएंट ओमीक्रोन XE का पहला केस मुंबई में मिला है। बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह ने इस बात की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बीएमसी के कस्तूरबा अस्पताल और पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में नेक्स्ट जेनरेशन जीनोम सीक्वेंसिंग लैब में 376 सैंपल की टेस्टिंग की गई। इसमें से 230 सैंपल मुंबई के निवासी थे। इसमें से एक मरीज में ओमीक्रोन XE वेरिएंट की पुष्टि हुई है।
कोरोना के ओमिक्रोन के नए सब वेरियंट XE की मुंबई के रास्ते भारत में इंट्री हुई है। बुधवार को ओमिक्रोन के नए सब वेरियंट XE का पहला केस मुंबई में मिला है। हालांकि नए वेरिएंट XE के मरीज की हालत गंभीर नहीं है। इसके अलावा KAPPA वेरियंट का भी केस सामने आया है। बीएमसी की ओर से बताया गया कि 376 सैंपल्स का परीक्षण किया गया। इसमें से 230 मुंबई के रहने वाले हैं। 230 में से 228 सैंपल में ओमीक्रॉन मिला है जबकि एक सैंपल में कप्पा वेरिएंट और एक मरीज में XE वेरिएंट मिला है। बीएमसी की ओर से बताया गया कि 230 कोरोना संक्रमितों में से 21 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है। संक्रमितों में वैक्सीन की दोनों खुराक लेने वाले 9 मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती कराया गया था, वहीं 12 मरीज ऐसे भी हैं जिनको वैक्सीन नहीं लगी है।
ओमीक्रोन से 10 गुना तेजी से फैलता है XE
रिसर्चरों का मानना है कि ओमीक्रोन वेरिएंट के स्ट्रेन में बदलाव XE वैरिएंट के रूप में हुआ है। यह ओमीक्रोन की तुलना में 10 फीसदी अधिक ट्रांसमिसिबल हो सकता है। दरअसल डब्ल्यूएचओ ने पहले भी कई बार कहा है कि कोरोना के वेरिएंट आपस में जुड़कर कुछ नए वेरिएंट बना रहे हैं। कुछ दिनों पहले ओमीक्रोन और डेल्टा से मिलकर डेल्टाक्रोन कॉम्बिनेशन तैयार हुआ था। अब ओमीक्रोन के दो सबवेरिएंट BA1 और BA2 का रीकॉम्बिनेंट तैयार हुआ है, जिसे XE कहा जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि कोई कॉम्बिनेशन तब तैयार होता है, जब कोई व्यक्ति एक से अधिक प्रकार से संक्रमित हो जाता है।
XE वेरिएंट को लेकर WHO की चेतावनी
दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना के XE वेरिएंट को लेकर चेतावनी दी है। डब्लूएचओ ने कहा कि XE वेरिएंट के बारे में पहली बार यूनाइटेड किंगडम में 1 9 जनवरी को पता चला था। अभी तक इसके 600 सिक्वेंसेज की रिपोर्ट आई है और पुष्टि भी हुई है। शुरुआती अध्ययनों के अनुसार, XE वेरिएंट BA.2 की तुलना में 10 फीसदी ज्यादा संक्रामक है। हालांकि, इस वेरिएंट को लेकर हमें और ज्यादा अध्ययन करने की आवश्यक्ता है।
XE वायरस कितना घातक है?
चूंकि कई देशों में कोरोना की चौथी लहर की स्थिति बनी हुई है इसलिए इस वायरस से चिंता पैदा हो गई है। यूके हेल्थ एजेंसी के मुख्य चिकित्सा सलाहकार सुसान हॉपकिंस के अनुसार, ‘कोरोना वायरस के अन्य वेरिएंट के साथ जुड़कर बन रहे इस तरह के वेरिएंट बहुत ज्यादा घातक नहीं होते हैं और जल्दी मर जाते हैं।