05 सालों के लिए एरिया स्पेसिफिक कॉम्प्रीहेंसिव डेवेलपमेंट प्लान (Area Specific Comprehensive Development Plan ) भी तैयार
देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री जनविकास कार्यक्रम योजना के प्रस्तावों पर अनुमोदन हेतु प्रधानमंत्री पन्द्रह सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन के लिए (Area Specific Comprehensive Development Plan) राज्य स्तरीय समिति की बैठक आयोजित हुयी।
बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को नई गाईडलाइन के अनुसार अपने जनपदों में आ रहे सभी गांवों को चिन्हित किए जाने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि आवश्यकता के अनुसार प्राथमिकता के आधार पर प्रस्ताव तैयार कर लिए जाएं। उन्होंने अगले 02 सप्ताह में इस हेतु जनपद स्तरीय समितियों के बैठकें आयोजित कर प्रस्ताव शीघ्र भेजे जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक देरी से (Area Specific Comprehensive Development Plan) आयोजित किए जाने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इस बैठक में स्वीकृत प्रस्तावों को शीघ्र अतिशीघ्र भारत सरकार को भेजे जाने के निर्देश दिए। जिलाधिकारियों को इस योजना के अन्तर्गत अगले 05 सालों के लिए एरिया स्पेसिफिक कॉम्प्रीहेंसिव डेवेलपमेंट प्लान भी तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारियों को सभी सम्बन्धित विभागों से विभागवार प्रस्ताव मांगे जाने के भी निर्देश दिए।
उक्त योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा 90ः10 के रूप में वित्तीय सहायता उपलब्ध करायी जाती है। योजना हेतु नई गाईडलाईन के अनुसार योजना के दायरे में आकांक्षी ऐसे क्षेत्र आते हैं, जो जनपदों के रूप में जनपद हरिद्वार एवं ऊधमसिंह नगर के संपूर्ण क्षेत्र के साथ-साथ राज्य के ऐसे क्षेत्र जहाँ 15 किमी परिधि के कैचमेंट एरिया में 25 प्रतिशत से अधिक अल्पसंख्यक आबादी निवासरत हो।
पूर्व में योजना के अन्तर्गत (Area Specific Comprehensive Development Plan) उत्तराखण्ड के चिन्हित अल्पसंख्यक बाहुल्य 04 जनपदों के 15 विकासखण्डों एवं 07 नगर निकायों में लागू थी। योजनान्तर्गत राज्य स्तरीय समिति कुल 56 कार्य लागत रू0 201.36 करोड़ के प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया, जो अब भारत सरकार को भेजे जाएंगे। इस अवसर पर विधायक श्री फुरकान अहमद, प्रमुख सचिव श्री एल. फैनई, सचिव श्री रविनाथ रमन, श्री विजय कुमार यादव सहित समिति के अन्य सदस्य एवं उच्चाधिकारी उपस्थित थे।
इंटेलिजेंस
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में गृह विभाग की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि साइबर सुरक्षा तंत्र को मजबूत किया जाए। इंटेलिजेंस को और मजबूत करने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन समस्याओं एवं जन शिकायतों का त्वरित समाधान हो। पुलिसिंग व्यवस्था को और सुदृढ़ बनाने के लिए टीम वर्क से कार्य किये जाए।
यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन कार्यों का समाधान थाना एवं जिला स्तर पर हो सकता है, वे अनावश्यक रूप से पुलिस मुख्यालय एवं शासन स्तर पर न आयें। उन्होंने कहा कि पुलिस का आम जन के साथ अच्छा व्यवहार होना जरूरी है, लेकिन असामाजिक गतिविधियों पर गहनता से नजर रखी जाए एवं संबंधितों पर सख्त कारवाई भी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्मार्ट पुलिसिंग व्यवस्था के लिए आधुनिक तकनीक का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जाए। ड्रोन का बेहतर उपयोग भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक मैनेजमेंट एवं आपदा प्रबंधन में कैसे किया जा सकता है, इस ओर विशेष ध्यान दिया जाए। पुलिस के आधुनिकीकरण के लिये अन्य राज्यों की बैस्ट प्रैक्टिसेज भी देख ली जाए।
भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाए, जिसमें पुलिस, शिक्षा, समाज कल्याण एवं अन्य संबंधित विभागों को शामिल किया जाए। इन विभागों की समन्वय बैठक कर भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए एक्शन प्लान बनाया जाए। पुलिस व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए समय-समय पर पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यातायात प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाए। यातायात की सभी सुचारू व्यवस्थाओं के लिए एसपी ट्रैफिक को नोडल बनाया जाए। बैठक में जानकारी दी गई कि उत्तराखण्ड में नार्थ ईस्ट राज्यों को छोड़कर अपराध दर देश में न्यूनतम है। क्राईम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम में उत्तराखण्ड देश में 6वें एवं हिमालयी राज्यों में दूसरे नम्बर पर है। सभी थानों में सीसीटीवी कैमरों की पूरी व्यवस्था की गई है।