Attack | आपका विश्वास ही आपकी दवा है | विश्वास ने ही 24 घंटे से पहले पडे़ Heart Attack को ठीक किया
Prayer Life | हर एक मर्ज़ की दवा प्रार्थना लाईफ है जीवन में प्रार्थना अपनाओं हर एक रोग से मुक्ति हो जाओगे
Dehradun: आपका विश्वास ही आपकी दवाई है विश्वास ने ही 24 घंटे से पहले पडे़ अटैक (Attack) से बचाया। जीवन में विश्वास ही तो है जो खुदा (परमात्मा) का दूसरा नाम है। जिसका विश्वास है उसको अटैक (Attack) तो क्या कोई भी बीमारी छू नही सकती है। कोई रोग दोष नही छू सकता है। जो खुदा (परमात्मा) का जानता है और खुदा से जो प्रेम करता है उसे निवेदन सहित अपने जीवन में सहभागी बनाता है। जो हमारे दुखों से हमें निजात दिलाता है।
परमात्मा के विश्राम में विश्वास से ही प्रवेश किया जा सकता है। जो विश्वास करता है विश्वास ही उसके रोगों की दवाई बन जाता है उसको दुख, रोग, आदि, ब्याधि एवं उपाधि वाले ऐसे जो भयानक संसार के रोग उसे छू भी नही सकते है।
इंसान विश्वास करे और उसके धर्ममय कार्यों की चर्चा दिनभर करते रहो, तो वह खुद ही खुद परमात्मा की कृपा से शुद्ध व पाक होता रहेगा। क्योंकि वह परमात्मा है इंसान नही, कि झूट बोलेगा या फिर धोखा देगा। वह दीन व पापियों के लिए विनती करता हैं और मनुष्य! दुख और पापों से निजात पता हैं।
हार्ट अटैक (Heart Attack) लक्षण, कारण, उपचार क्या है?
Attack के लक्षण क्या हैं?
हार्ट अटैक मनुष्य के शरीर में सबसे पहला लक्षण है कि उसके सीने में तेज दर्द होता है उसे जिसे angina pain कहते है। हार्ट अटैक से मनुष्य के शरीर में एक pressure, heaviness या tightness जैसे महसूस होने लगता है। जो केवल बाएं (left side) तरफ नहीं होता बल्कि बीच में या फिर दाए तरफ भी होता है।
अटैक दर्द; पेट के ऊपर की तरफ ओर होता जाता है कभी बाए हाथ या कंधे की तरफ जाता है अटैक से नश ब्लॉक होने से कई बार जबड़े में या दांत में भी दर्द हो सकता है। दर्द के चलने से या परिश्रम करने से बढ़ता है, थोड़ा आराम करने से कम होता है। दर्द के चलने से सांस की तकलीफ और पसीना आना। दर्द के चलने से कुछ लोगो को गैस होने की problem आती है ये सारे लक्षण हार्ट अटैक के होती है।
एक तकलीफ गैस होती की है ऐसे लोग गैस होने के बारे में शिकायत करते है उनको वास्तविक हार्ट की शिकायत होती है। इसलिए जब ये तकलीफ हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना है नजरअंदाज नहीं करना है।
हार्ट अटैक आने पर प्राथमिक दवाएं यदि आपके पास Ecosprin, Aspirin या Disprin है, तो इस दवा को तुरंत रोगी को देना चाहिए। ये दवाएं Ecosprin, Aspirin या Disprin रक्त के Clotting को रोकती है।
अगर किसी के घर में कोई हार्ट पेशेंट हो तो sorbitrate की 5mg की टेबलेट जीभ के निचे रखनी है, इसे दर्द की तीव्रता थोड़ी कम हो जाती है।
तुरंत नजदीकी हस्पताल संपर्क करना है।
जब पेशेंट हस्पताल में Attack treatment आ जाता है हार्ट की शिकायत लेके तो डॉक्टर कहते है की इसलिए सबसे सही ट्रीटमेंट primary Angioplasty है इसका मतलब यह है की angiography करना जिसमे blockage कहा है इसकी जांच की जाती है और जो block है उसे खोल के stent रखा जाता है तो इसे primary Angioplasty कहा जाता है।
यह काफी अच्छी ट्रीटमेंट है क्योकि इससे artery का blood flow पूरी तरह से restore हो जाता है। Angioplasty के कारण Heart की Pumping दर बढ़ जाता है |
जहा पे ये सेवाएं उपलब्ध नहीं होती वह ऐसे मरीजों को ICU में जाना जरुरी है ताकि Clot Dissolving इंजेक्शन दिया जा सके। इस injection को Fibrinolytic therapy कहा जाता है। इस इंजेक्शन का लाभ 50% लोगोको होता है जिनको नहीं हुआ तो उन्हें higher center में shift किया जाता है जहा angiography या जरुरत हो तो angioplasty की जाती है।
कई patients breathlessness की शिकायत लेके आते है और डॉक्टर्स देखते है की जो lungs में कंजेशन होता है जिसे pulmonary edema कहा जाता है , तो इसका मतलब यही है की patient हो heart failure है। ऐसे में डॉक्टर को यह ढूढ़ना मुश्किल हो जाता है की ये covid के कारण है या पेहलेसि कोई बीमारी है।
एक समय डॉक्टर पहेलेके रिपोर्ट्स देखते है। लेकिन जिन लोगो को पहलेसेही हार्ट की शिकायत होती है उन्हें heart failure हो सकता है। जब Heart Pumping 45% से ऊपर होता है तो इसे Mild Heart Attack के रूप में जाना जाता है और जब यह 45% से कम होता है तो इसे Major Heart Attack कहा जाता है। Heart Attack के कारण हृदय गति में वृद्धि होती है।
हार्ट अटैक major हो या mild हो हर हार्ट अटैक Attack critical होता है। दिल के दौरे के कारण अंदर के घाव को ठीक होने में 06 से 07 week लगते हैं। अगले दिल के दौरे के जोखिम को रोकने के लिए आपको नियमित रूप से दवाएं लेनी चाहिए, डॉक्टर के पास जाना चाहिए, और यदि संभव हो तो Cardiac Rehabilitation में शामिल होना चाहिए।
दवाईयां के साथ-साथ हर एक इंसान को परमात्मा पर विश्वास बनाये रखना चाहिए क्योंकि हर एक मर्ज की दवा परमात्मा हैं जिसने जीवन दिया है। और इस जीवन की रक्षा भी वही परमात्मा कर सकता है क्योंकि उसे पता है कि मनुष्यरूपी मशीन (शरीर) में कहां पर फोल्ट आया है और कौन सी नश में प्रोबल्म हैं। इसका एक मात्र तरीका है यही है कि जब तक शरीर में प्राण रहे हर हाल में जीवित परमात्मा से प्रार्थना करते रहो। क्योंकि एक मात्र परमात्मा ही जो जीवित व मृत्युकों यानी दोनों का परमेश्वर है।