मां नंदा सुनंदा की ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) मार मां नयना देवी परिसर स्थापना की
नंदा देवी महोत्सव 2022 में लोक पारंपरिक कलाकारों द्वारा मां नंदा सुनंदा की ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) मां नयना देवी परिसर स्थापना की। पंडित भगवती प्रसाद जोशी दीप जोशी घनश्याम जोशी द्वारा पूजा कराई गई पूजन में संतोष सह जगाती पुष्पा जगाती जजमान के रूप में शामिल हुए। तत्पचात श्रद्धालु द्वारा विधिवत दर्शन किए गए। पंक्तियों में लोगो नए दर्शन किए। इधर सीधे प्रसारण में विभीन्य सम सामयिक विषयों पर चर्चा की गई जिसमें विसेसज्ञ शामिल हुए।
ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) – वंदना पांडे पारस जोशी हेमा कांडपाल बीरेंद्र ने भजन प्रस्तुत किए पानवा शंकर दत्त जोशी ने कुमाऊं भाषा में लोक प्रिय किस्से सुनाए शहर की ट्रैफिक व्यवस्था, सरकारी योजनाओं, बलियानाल पर चर्चा कर समाधान की गुजारिश की गई रेशमा टंडन कविता सह गंगोला सिम्मी अरोड़ा मंजू नेगी नए आर्ट ऑफ लिविंग की तरफ से सबको खुश एवम योग से निरोगी रहने को कहा। संस्कृति के साथ पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा हुई।
कार्यक्रम में भगवती प्रसाद जोशी के सी सुयाल डॉक्टर आर सी जोशी ने धार्मिक पक्ष रखा गया मुकेश जोशी कमलेश ढौंडियाल जगदीश बावरी ने स्वागत किया तथा श्री रामसेवक सभा के लोगो को याद किया । ब्रह्म मुहूर्त (Brahma Muhurta) कार्यक्रम का संचालन प्रो ललित तिवारी हेमंत बिष्ट मीनाक्षी कीर्ति नवीन पांडे के सी सुयाल परी साह मारूति साह ने किया।शाम को पांच आरती हुई।
मां नंदा सुनंदा देवी की भक्ति मे से गुंजायमान हुआ भुवन बिष्ट मुकुल जोशी गोधन बिष्ट रानी साह भारती सह, ईशा सह, मोहित साह सहित श्री राम सेवक सभा की कार्यकारणी की तरफ से मनोज साह अध्यक्ष,मनोज जोशी उपाध्यक्ष, जगदीश बावड़ी महासचिव, विमल चौधरी उपसचिव, विमल साह कोषाध्यक्ष, राजेंद्र बजेठा प्रबंधक, मुकेश जोशी कार्यकारणी सदस्य, हिमाशु जोशी, भीम सिंह कार्की, अशोक साह, चंद्र प्रकाश साह, राजेंद्र लाल साह, कमलेश ढोंढियाल, ललित साह, घनश्याम लाल साह एवम प्रो.ललित तिवारी के सम्मलित रहे। प्रसाद वितरण हलुवा बाटा गया । भारी संख्या में श्रद्धालु ने दर्शन किए।
कल प्रातः विश्व शांति के लिए हवन ,कन्या पूजा डी एस ए मैदान में महा भंडारा आयोजित होगा। सीधा प्रसारण में उक्त कार्य करें के अलावा संस्कृति चर्चा शिप्रा नदी पर चर्चा डॉक्टर का कार्यक्रम ,सामाजिक विकास ,पर्यावरण पर चर्चा होगी ।श्री रसेवक सभा ने सभी को बधाई एवम धन्यवाद किया है।
गुरुजनों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की महान भारतीय परम्परा को और अधिक मजबूत बनाना
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक दिवस पर प्रदेशवासियों विशेष रूप से सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की महान भारतीय परम्परा को और अधिक मजबूत बनाना है। उन्होंने कहा कि वही देश और समाज आगे बढ़ता है जहां गुरुजनों का सम्मान होता है, शिक्षक विद्यार्थियों को संस्कारवान बनाकर राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। हमें अपने गुरुजनों के प्रति श्रद्धा एवं सम्मान की महान भारतीय परम्परा को और अधिक मजबूत बनाना है।
बिना किसी लाव लश्कर के पैदल जनता के बीच निकल गए धामी
सीएम पुष्कर सिंह धामी के एक के बाद एक बड़े निर्णय से जहां एक ओर उनकी छवि कुशल प्रशासक के रूप में देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री के लगातार पहाड़ी क्षेत्रों के दौरे के दौरान सादगी के साथ आम जनता से जनसंवाद उनकी मिलनसारिता, संवेदनशीलता और सादगी को दर्शाता है।
सीएम धामी प्रदेश के पहले ऐसे सीएम हैं जो खुद को मुख्यमंत्री की बजाय मुख्य सेवक कहते हैं। वे जब भी जिलों में दौरों पर जाते है, बिना लाव लश्कर के प्रोटोकॉल की परवाह किए बग़ैर हर समय जनता के बीच मौजूद रहते हैं। युवा मुख्यमंत्री धामी को जहां भी मौका मिलता है वह जनता के बीच जाकर सीधे संवाद करते हैं और कामकाज का फीडबैक लेते हैं।
ताज़ा मामला मुख्यमंत्री धामी के बागेश्वर दौरे से जुड़ा है। मुख्यमंत्री धामी गरुड़ क्षेत्र में रविवार सुबह भ्रमण के दौरान बड़े ही सरल और सहज स्वभाव के साथ लोगों का अभिवादन स्वीकार कर उनके पास पहुँचे। बिना किसी क़ाफ़िले के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऐसे देख आम जनता समझ नहीं पाई कि उनके प्रदेश के मुखिया सुबह सुबह खुद उनके बीच पैदल चलकर आए हैं।
धामी गरुड़ क्षेत्र में रविवार सुबह भ्रमण के दौरान बड़े ही सरल और सहज स्वभाव के साथ लोगों का अभिवादन स्वीकार कर उनके पास पहुँचे। बिना किसी क़ाफ़िले के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ऐसे देख आम जनता समझ नहीं पाई कि उनके प्रदेश के मुखिया सुबह सुबह खुद उनके बीच पैदल चलकर आए हैं।
यह पहला मौका नहीं है जब सीएम धामी अकेले सुबह -सुबह जनता के बीच पहुँचे हों,अक्सर पर्वतीय जनपदों के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री धामी जहाँ रुकते है, वहां सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक पर निकल जाते हैं। इस दौरान वे रास्ते में लोगों से मिलते हैं, उनका हाल चाल पूछते हैं और फीडबैक भी लेते हैं। उनकी इस अनूठी शैली से वे स्थानीय लोगों से सराहना पा रहे हैं।