भरती घोटाले की CBI Inquiry जाँच की माँग- पेपर लीक व भरती घोटाले के विरोध में उत्तराखंड क्रांति दल के धरने को दिया शिव सेना ने समर्थन
देहरादून। शिव सेना प्रमुख गौरव कुमार ने धरना स्थल पर सम्बोधित करते हुए कहा कि उत्तराखंड राज्य राजनेताओ एंव नौकरशाहों के गठ जोड़ के भ्रष्टाचार के चरम पर पहोच गया है। सत्ताधारी दलो ने राज्य को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने भरती घोटाले की CBI Inquiry जाँच की माँग भी की।
सत्ताधारी दलो ने राज्य को लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उन्होंने भरती घोटाले की CBI Inquiry जाँच की माँग भी की।
भरती घोटाले की CBI Inquiry- इस अवसर पर उत्तराखंड क्रांति दल के जयप्रकाश उप्पाध्याय, विजय बोडाई, राजेंद्र बिष्ट, प्रीतम रावत, दीपक रावत, शकुन्तला रावत मौजूद रहे। शिव सेना से राज नेगी, शिवम् गोयल, विकास सिंह, विक्की खत्री, सोनू पासवान आदि मौजूद रहे।
एक बार फिर शुरू हुई केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं
देहरादून। मानसून के समापन के साथ ही उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगी है। तीर्थयात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक बार फिर श्री केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवाएं भी शुरू कर दी गई हैं।
अन्य धामों के साथ ही 18 किलोमीटर पैदल ट्रैक वाले केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों की संख्या में भी लगातार बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। प्रत्येक दिन चार से छः हजार के बीच यात्री केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। हेली सेवाओं के पुनः संचालन से धाम की यात्रा आसान हो गई है। हेली कंपनियों द्वारा तीर्थयात्रियों को बेहतर व्यवस्थाएं मुहैया कराई जाए इसके लिए प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी रखी जा रही है।
चारधाम में अब तक 33,24,907 तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जबकि सितंबर माह के लिए 05 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन के लिए पंजीकरण करा चुके हैं। गौरतलब है कि केदारनाथ धाम जाने के लिए तीर्थयात्रियों को रुद्रप्रयाग जिले के गुप्तकाशी, फाटा और सिरसी से हेली सेवा की सुविधा दी जाती है। इस साल पहली बार मानसून के दौरान भी श्रद्धालुओं को हेली सेवा उपलब्ध कराई गई।
चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है
बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए तीर्थयात्री और श्रद्धालु पर्यटन विभाग की वेबसाइट http://registrationandtouristcare.uk.gov.in पर ऑनलाइन पंजीकरण करें। वहीं केदारनाथ हेली सेवा हेतु https://heliservices.uk.gov.in पर ऑनलाईन बुकिंग करें।
लोक निर्माण विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत आज कुल 27 मार्ग अवरुद्ध हुए तथा 58 मार्ग कल के अवरूद्ध थे अर्थात कुल 85 अवरूद्ध मार्गो में से 36 मार्गो को आज खोल दिया गया है। शेष 49 मार्ग अवरूद्ध है, जिसमें से 0 राष्ट्रीय राजमार्ग, 02 राज्य मार्ग, 02 मुख्य जिला मार्ग, 01 अन्य जिला मार्ग एवं 44 ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध है। इसके अतिरिक्त पी0एम0जी0एस0वाई0 के अन्तर्गत आज 03 मार्ग अवरुद्ध हुए तथा 53 मार्ग कल अवरूद्ध थे अर्थात कुल 56 अवरुद्ध मार्गो में से आज 11 मार्गो को खोल दिया गया है, शेष 45 अवरुद्ध मार्गो को खोले जाने की कार्यवाही गतिमान है।
वर्तमान में राष्ट्रीय राज मार्गो पर 0 मशीने , राज्य राज मार्गो पर 26 मशीने, मुख्य जिला मार्गो पर 10 मशीने, अन्य जिला मार्गो पर 06 मशीने, तथा ग्रामीण मार्गो पर 64 मशीने, कुल 105 मशीने कार्य कर रही है। इसके अतिरिक्त पी0एम0जी0एस0वाई0 के मार्गो पर 55 मशीने, लगायी गयी है। राज्य के अधिकतर जनपदों में विद्युत आपूर्ति सुचारू है। जिला टिहरी तथा पिथौरागढ़ के कुछ क्षेत्रों में वर्षा के कारण कुछ ग्रामों में विद्युत व्यवस्था बाधित चल रही है। वर्तमान तक राज्य में कुल 02 ग्रामों में विद्युत बाधित है जिन ग्रामों में विद्युत आपूर्ति हेतु कार्य किया जा रहा है।
विगत 24 घंटे में SDRF द्वारा किये गए महत्वपूर्ण रेस्क्यू कार्य
1. जनपद नैनीताल SDRF टीम को बताया गया कि नंदा देवी डोली विसर्जन ड्यूटी हेतु SDRF टीम मल्लीताल के लिए रवाना हुई।
2. जनपद चम्पावत SDRF टीम को सूचना प्राप्त हुई कि एक लड़की जिसका पर्स व चप्पल आदि सामान नहर के पास पड़े मिले हैं जिसकी नहर में डूबने की आशंका है व SDRF टीम घटनास्थल के लिए तत्काल रवाना हुई व सर्चिंग जारी है।
3. जनपद रुद्रप्रयाग पोस्ट सोनप्रयाग को सूचना प्राप्त हुई कि से केदारनाथ घाटी चिढ़वासा जगह में एक व्यक्ति के सर पर पत्थर गिरने से गंभीर चोट लगी है। सूचना प्राप्त होते ही SDRF टीम घटनास्टल के लिए तत्काल पहुंची व SDRF/DDRF ने मिलकर घायल व्यक्ति को कंडी के माध्यम से सोनप्रयाग लाया गया व 108 एम्बुलेंस में अस्पताल भिजवाया गया।
4. जनपद उत्तरकाशी पोस्ट जानकीचट्टी में यमुनोत्री यात्रा ड्यूटी के दौरान यात्रियों को सुरक्षित रास्ता पार करवाया व जरूरतमंदों को ऑक्सीजन दिया गया एक व्यक्ति के हाथ में काफी चोट लगी थी जिसको तुरन्त फर्स्ट ऐड दिया गया।
5. जनपद उत्तरकाशी SDRF टीम को सूचना प्राप्त हुई कि एक व्यक्ति ने दरगाह जगह के पास जहर खा लिया व SDRF टीम तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई व व्यक्ति को तत्काल 108 एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पताल भिजवाया गया।
6. जनपद चम्पावत SDRF टीम मॉक ड्रिल हेतु गोरल चौड मैदान में मय रेस्क्यू उपकरण सहित मॉक ड्रिल हेतु रवाना हुई।
7. ऋषिकेश पोस्ट ढालवाला SDRF टीम ने राफ्टिंग प्रैक्टिस हेतु मय राफ्ट के साथ SDRF टीम फूलचट्टी रवाना हुई व राफ्टिंग के प्रैक्टिस की गयी।
8. जनपद उधमसिंह नगर पोस्ट रुद्रपुर में SDRF टीम ने आज रोप रेस्क्यू की विभिन्न प्रकार की गाँठो, सीट हारनेस, चेस्ट हारनेस के बारे में अभ्यास कराया गया।
हिमालय हमारा भविष्य एवं विरासत
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारीः मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने हिमालय दिवस के अवसर पर जारी अपने संदेश में कहा है कि हिमालय न केवल भारत बल्कि विश्व की बहुत बड़ी आबादी को प्रभावित करता है। यह हमारा भविष्य एवं विरासत दोनों है, हिमालय के सुरक्षित रहने पर ही इससे निकलने वाली सदानीरा नदियां भी सुरक्षित रह पायेंगी, हिमालय की इन पावन नदियों के जल एवं जलवायु से देश का अधिकांश भाग लाभान्वित होता है। जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से हिमालय को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालय हमारे जीवन के सरोकारों से गहनता से जुड़ा विषय है। हिमालय के संरक्षण के लिए इस क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, नदियों एवं वनों का संरक्षण जरूरी है। हिमालय संरक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मुहिम चलाये जाने के साथ सभी हिमालयी राज्यों को आपसी समन्वय के साथ हिमालय के पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन के प्रति संकल्प लेने की भी जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हिमालय की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने, प्रकृति प्रदत्त जैव विविधता, ग्लेशियर, नदियों, झीलों के संरक्षण की दिशा में प्रभावी पहल की भी आवश्यकता है। हमें हिमालय को उसके व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखना होगा। इस व्यापकता वाले विषय पर सभी बुद्धिजीवियों, विषय विशेषज्ञों, प्रकृति प्रेमियों, हिमालय पर उसकी समग्रता का अध्ययन करने वाले अध्येताओं को एक मंच पर आकर संजीदगी के साथ इस विषय की व्यापकता पर चिंतन करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्य देश के जल स्तंभ है, जो माननीय प्रधानमंत्री जी के जल शक्ति संचय मिशन में प्रभावी योगदान दे सकते हैं। नदियों के संरक्षण व पुनर्जीवीकरण के लिए केन्द्र पोषित योजनाओं में हिमालयी राज्यों को वित्तीय सहयोग दिये जाने के साथ इको सिस्टम सर्विसिज के लिए हिमालयी राज्यों को और प्रोत्साहित किये जाने की आवश्यकता है। आपदा, पलायन सभी हिमालयी राज्यों की एक समान समस्या है। इस दिशा में सभी को मिलकर देश की प्रगति के लिए काम करना होगा। इस सम्बन्ध में नीति आयोग के समक्ष हिमालयी राज्यों के लिये अलग नीति बनाये जाने की बात रखी गई है।
उन्होंने कहा कि हिमालय का किसी राज्य व देश के लिये ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिये महत्व है। हिमालय के संरक्षण का दायित्व, हम सभी का है। हिमालय के संरक्षण के लिये यहां की संस्कृति, नदियों व वनों का संरक्षण जरूरी है। विकास के साथ ही प्रकृति के साथ भी संतुलन बनाना होगा। प्रकृति के संरक्षण के लिये हिमालय का संरक्षण आवश्यक है। हिमालयी राज्यों को विकास के दृष्टिगत पारिस्थितिकी और अर्थिकी के समन्वय पर ध्यान देने की भी जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण उत्तराखण्ड वासियों के स्वभाव में है, हरेला जैसे पर्व प्रकृति से जुड़ने की हमारे पूर्वजों की दूरगामी सोच का परिणाम है। पर्यावरण में हो रहे बदलावों, ग्लोबल वार्मिंग के साथ ही जल जंगल जमीन से जुड़े विषयों पर समेकित चिंतन की जरूरत है। सामाजिक चेतना तथा समेकित सामूहिक प्रयासों से ही हम इस समस्या के समाधान में सहयोगी बन सकते हैं।