Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami met Governor Lt. Gen. Gurmeet Singh (R) | राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने भेंट की
Dehradun : राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami ) ने भेंट की। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को जन्मदिन की बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक कपकोट सुरेश गड़िया, मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी श्रीमती गीता धामी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने राज्यपाल से भेंट कर उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय बजट 2023 -24 हेतु केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण को बधाई देते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। 2014 से सरकार के प्रयासों से प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है। इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी ने प्रधानमंत्री जी के सबका साथ सबका विकास के मंत्र पर बजट पेश किया है। समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे और निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, युवा शक्ति, और वित्तीय क्षेत्र को समर्पित ये बजट, अमृत काल के विजन को बताता है। यह अमृत काल का पहला बजट है। इस बजट में किसान, मध्य वर्ग, महिला से लेकर समाज के सभी वर्गो के विकास की रूपरेखा है।
केन्द्रीय बजट 2023-24 देश के समावेशी विकास और आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने वाला है।
बजट में खाद्य और पोषण सुरक्षा को सुनिश्चित रखते हुए अगले 1 वर्ष तक सभी प्राथमिकता वाले परिवारों को मुफ्त अनाज की आपूर्ति का निर्णय अत्यन्त सराहनीय है। बजट में राज्यों को 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक और साल के लिए बढ़ाया गया है। ये केंद्र की टीम इंडिया की भावना को बताता है।
मुख्यमंत्री Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami ने कहा कि युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि कोष बनाया जाएगा। अगले 3 वर्षों में 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता मिलेगी। पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ कृषि कर्ज लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा। इससे देश के साथ ही उत्तराखंड राज्य के किसानों, बागवानों, पशुपालको और मत्स्य पालकों को भी लाभ मिलेगा।
जनजातीय समूहों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए पीएम पीवीटीजी विकास मिशन शुरू किया जाएगा। राज्यों की सक्रिय भागीदारी, सरकारी और सार्वजनिक पार्टनरशिप के साथ मिशन मोड पर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। क्षेत्रीय हवाई संपर्क में सुधार किया जाएगा।
उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था के लिए पर्यटन का महत्व बहुत अधिक है। निश्चित रूप बजट में पर्यटन क्षेत्र के विकास के लिए की जा रही पहल प्रदेश में पर्यटन विकास में काफी सहायक सिद्ध होगी। वाइब्रेंट विलेज के माध्यम से सीमावर्ती गांवों के विकास पर फोकस किया जायेगा। इससे राज्य के सीमावर्ती गांवों को भी लाभ मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि बजट में नया टैक्स स्लैब लाया गया है। इससे मध्यम वर्ग और नौकरी पेशा को काफी राहत मिलेगी। आयकर छूट का दायरा बढ़ाया गया। यह बजट हमारे वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं के लिए भी खास रहा है।
वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा अब 4.5 लाख से बढ़कर 9 लाख की जाएगी। महिलाओं के लिए नई बचत योजना की घोषणा की गई है। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5 प्रतिशत का ब्याज मिलेगा। बजट में जहां गरीबों, मध्यम वर्ग, महिलाओं, युवाओं, उद्यमियों किसानों, शिल्पकारों, वरिष्ठ नागरिकों सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है, वही इकोनॉमी की मजबूती और रक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami ) ने कहा कि कुल मिलाकर कहा जाए तो यह बजट सच्चे मायनों में अमृत काल का बजट है। युवाओं, महिलाओं, किसानों, गरीबों, मध्यम वर्ग का बजट है। आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि उत्तराखण्ड राज्य तथा प्रदेशवासी बजट से पूर्णतः लाभान्वित होंगे।
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उत्तराखण्ड की झांकी को देश में प्रथम स्थान के लिये किया गया पुरस्कृत
- कर्तव्य पथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “मानसखण्ड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मानसखंड थीम पर तैयार की गई थी झांकी
गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झांकियों में उत्तराखण्ड की “मानसखण्ड” झांकी को प्रथम स्थान के लिये पुरस्कृत किया गया है। नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रंगशाला शिविर में केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने यह पुरस्कार प्रदान किया। उत्तराखण्ड सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग के महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी ने राज्य की ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।
संयुक्त निदेशक श्री के0एस0चौहान भी इस मौके पर मौजूद थे। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यह पहला अवसर है जब उत्तराखण्ड राज्य की झांकी को प्रथम पुरस्कार के लिए चुना गया है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे। मुख्यमंत्री ने झांकी को पुरस्कार के लिए चुने जाने पर प्रदेशवासियों, सूचना विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों और झांकी बनाने वाले कलाकारों तथा झांकी में सम्मिलित सभी कलाकारों को बधाई दी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन के उपरान्त मानसखण्ड पर आधारित झांकी प्रस्तावित की गई थी। श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ की तर्ज पर कुमाऊ के पौराणिक मंदिरों के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी (Chief Minister Shri Pushkar Singh Dhami ) के निर्देश पर मानसखण्ड मंदिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। जिसमें इन प्रमुख मंदिरों का विकास होना है।
मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में करीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचैड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं।
इस वर्ष कर्तव्य पथ, नई दिल्ली गणतंत्र दिवस समारोह में उत्तराखण्ड राज्य की ओर से “मानसखण्ड” की झांकी प्रदर्शित की गई थी। 18 कलाकारों के दल ने भी झांकी में अपना प्रदर्शन किया। झांकी का थीम सांग “जय हो कुमाऊं, जय हो गढ़वाला” को पिथौरागढ़ के प्रसिद्ध जनकवि जनार्दन उप्रेती ने लिखा था तथा उसको सौरभ मैठाणी और साथियों ने सुर दिया था। इस थीम गीत के निर्माता पहाड़ी दगड़िया, देहरादून थे।