सुप्रीम कोर्ट ने पीएम की सुरक्षा में चूक मामले की जांच के लिए के लिए एससी की रिटायर जज जस्टिस इंदू मल्होत्रा की अगुवाई में कमेटी बनाई है। इस कमेटी में डीजी आइएनए (DG NIA), डीजीपी (DGP) चंडीगढ़, आइजी (IG) सुरक्षा (पंजाब), पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल भी शामिल होंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन सवालों को किसी एक तरफा जांच पर नहीं छोड़ा जा सकता। इस मामले में स्वतंत्र जांच की जरूरत है। उल्लंघन के कारणों का पता लगाया जाना चाहिए। पता लगे कि कौन जिम्मेदार है। इस तरह की चूक रोकने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपाय क्या हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी से कहा है कि रिपोर्ट जल्द से जल्द दाखिल करे। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल सभी सील रिकॉर्ड कमेटी अध्यक्ष को प्रस्तुत करेंगे।
इससे पहले इस मामले में राज्य सरकार और केंद्र सरकार दोनों ने अपनी अपनी जांच कमेटी बना दी थी। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कमेटी की ओर से पंजाब सरकार को भेजे गए नोटिस पर भी आपत्ति जताई थी। कहा कि नोटिस की भाषा ऐसी है कि जैसे पहले से तय कर लिया गया हो कि दोषी कौन है।
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बुधवार 05 जनवरी को पंजाब के फिरोजपुर में प्रधानमंत्री मोदी सड़क मार्ग से रैली के लिए जा रहे थे। इस दौरान एक फ्लाईओवर पर 15 से 20 मिनट के लिए उस वक्त फंस गए, जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते को अवरुद्ध कर दिया। इस चूक की वजह से पीएम मोदी फिरोजपुर में बिना कार्यक्रम में हिस्सा लिए ही बठिंडा एयरपोर्ट पर वापस लौट गए। प्रधानमंत्री ने बठिंडा एयरपोर्ट के अधिकारियों से कहा कि-अपने सीएम को थैंक्स कहना कि मैं बठिंडा एयरपोर्ट तक जिंदा लौट पाया। वहीं, विपक्ष ने आरोप लगाया कि रैली में 70 हजार कुर्सियों में सिर्फ पांच सौ ही भरी थी। इस पर पीएम ने जानबूझकर रैली स्थगित की। यदि संबोधित करना होता तो वे हर बार की तरह फोन से भी संबोधित कर सकते थे। जब भीड़ ही नहीं जुटी तो संबोधित किसे करते।