Drishti IAS Founder Vikas Divyakirti surrounded in controversies | विवादों में घिरे दृष्टि IAS के संस्थापक विकास दिव्यकीर्ति
क्यों चर्चाओं में रहना पसंद करते है विकास; कौन है डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति एवं डॉक्टर तरुण वर्मा -जानिए खबर
डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति (Drishti IAS founder Vikas Divyakirti) एवं डॉक्टर तरुण वर्मा पढ़े-लिखे और सभ्य समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से तालुकात रखते है। और चर्चाओं में होने कारण तो आप जानते ही है कि आजकल हर कोई चर्चाओं में रखना पसंद करता है। आज के मानव का चर्चा में रहना एक शौक सा बन गया है। वैसे तो विकास बाबू बहुत अच्छे है। उनकी मंदमंद मुस्कान भी उनके चर्चाओं का कारण है यह ही नही उनका पढ़ाने का एटिट्यूट भी काफी अच्छा है।
डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti Drishti IAS founder) का बच्चों के लिए मेसेज-
यूपीएससी के कैंडिडेट्स को किसी भी सवाल के जवाब में उसके पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलुओं को रखना चाहिए। साथ ही उनकी कैंडिडेट्स को सलाह है कि वह पिछले साल के पेपर्स को जरूर पढ़ लें।
आजकल चर्चाओं रखना एक सौभाविक सी बात हो गई है जो कि जुगाडू मीडिया यानी सिनेमा में चलचित्र व नाटक करने वालों का मुख्य पेशा है। दरअसल जो मानव हंसी मजाक जैसे टिप्स करता होगा उसे तो समाज पसंद करता ही है पर जैसे-जैसे उनके प्रशंसक बड़ने लगते है वैसे-वैसे वे कभीकभार नेगिटिव या ये भी कह सकते है जो किसी विशेष वर्ग या समाज को अच्छी न लगने वाली बातों से भी वे चर्चा में रहते है। और आप तो जानते ही है भारत किसान वर्ग से ज्यादा तालुकात रखता है। यहां पर चर्चाओं में रहना इतना खास नही है। पर फिर भी डा. विकास का अब बयोवृद्धा के लिए में एक इंज्वाइ का कारण बनने लगे है।
बता दें कि डा. विकास (Vikas Divyakirti Drishti IAS Founder) का चर्चाओं रहना ज्यादा इसलिए हो गया कि वे अपने मीठी बोली मंदमंद मुस्कान अपने तक ही नही रखना चाहते। वे चाहते है कि हर समाज का हर एक व्यक्ति उन्हें सुन, समझे और उनकी बातों से कुछ ज्ञान प्राप्त करें। यह डॉक्टर साहब का सपना है। ऐसा सपना अच्छा होता है खासकर चर्चाओं एवं सुर्खियों बने रहने के लिए।
बता दें कि अभी हाल ही में उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए उन्होंने एक यूट्यूब चैनल बनाया। जिस पर दो सप्ताह के अन्दर ही उनके ढ़ेड लाख से भी ज्याद के सब्सक्राइबर हो चुुके है। यह बहुत अच्छी बात है।
ज्ञातव्य हो कि बीते दिनों उन्हें हिंदू की धार्मिकता पर वार किया। उन्होंने हिन्दुओं की माता सीता पर एक बयान दिया। जिससे गुगुल पर लोगों ने उन्हें सर्च करना शुरू कर दिया। जिसके कारण डॉ विकास दिव्यकीर्ति चर्चा में आए और तब से लेकर उन्हें चर्चाओं में रहने को चस्का यानि आनन्द (सुख) उनके दिल को छू गया।
अब डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि उन्होंने अपना एक नया यूट्यूब चैनल बनाया है। इस पर लगभग 9.68 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हो चुके हैं।
संक्षिप्त विवरण
डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 को हरियाणा में हुआ था। दिव्यकीर्ति को उनकी सहज भाषा और उनके पढ़ाने के अनोखे अंदाज से ने पढ़े-लिखे समाज के अन्दर एक अच्छी खासी पहचान भी दिलाई। दरअसल पढ़ाई का ये अनोखा अंदाज उन्हें विरासत में उनके माता-पिता से मिला है। क्योंकि उनके माता-पिता दोनों ही हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रह चुके हैं।
डॉ. साहब बड़े खुशकिस्मत है कि माता-पिता की हिंदी में अच्छी पकड़ होने के कारण डॉक्टर दिव्यकीर्ति की भी हिंदी से बहुत लगाव हुआ और जिसके चलते डॉक्टर दिव्यकीर्ति दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है साथ ही उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में एमए, एमफिल और पीएचडी भी हासिल की।
इस लगाव ने, डॉक्टर साहब को सन् 1996 में यूपीएससी पास करके आईएएस की कुर्सी पर बैठा दिया। लेकिन डॉ साहब को मंजूर कुछ और ही था। हंस मुख और अनोखा अंदाज के कारण उनकी रूचि आईएएस की कुर्सी उन्हें उनके सपनों को उड़ान न दे सकी। डॉ. साहब ने आईएएस अफसर की नौकरी भी जॉइन कर ली थी पर मन कहां मानता। पहली पोस्टिंग उन्हें गृह मंत्रालय में मिली थी जिसे उन्होंने ज्यादा दिन तक नहीं किया और रिजाइन कर दिया।
बता दें कि डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति पढ़े लिखों के बीच में एक आईएएस अफसर रह चुके हैं। अब डा. दिव्यकीर्ति ने 1999 में ‘दृष्टि आईएएस’ कोचिंग सेन्टर की स्थापना की थी। इस कोचिंग सेन्टर में उन्होंने अपनी धर्मपत्नी डॉक्टर तरुण वर्मा को भी इस कोचिंग संस्थान की डायरेक्टर पद पर नियुक्त किया।
बता दें कि डॉक्टर तरुण वर्मा ही डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति (Drishti IAS Founder Vikas Divyakirti) की सफलता का राज है। आज जब बच्चे बड़े-बड़े सपनों को देखते है तो डॉक्टर साहब का नाम उन्हें नेट पर कहीं न कहीं जरूर मिल जाता है। क्योंकि डॉक्टर साहब एक पॉजिटिब सवाल को लेकर कई प्रकार की नेगेटिव शिक्षा फ्री में दे देते है।
जब भी कोई भी यूपीएससी की तैयारी की बात करता है या करती है तो वे इंटरनेट पर इसके लिए स्टडी मैटेरियल सर्च करते हैं जिसमें डाक्टर साहब का ज्ञान उनके सामने आ जाता है फिर वे उनकी शिक्षा को ग्रहण करके मस्त हो जाते है। बच्चे उनकी गरम नरम बातें सुनकर तो फिर अपने सपनों की उड़ाने को तैयार हो जाते हैं वहां से वे टिप्स लेने शुरू कर देते है।
वहीं डॉक्टर दिव्यकीर्ति का मानना है कि- यूपीएससी के कैंडिडेट्स को किसी भी सवाल के जवाब में उसके पॉजिटिव और नेगेटिव दोनों पहलुओं को रखना चाहिए। साथ ही उनकी कैंडिडेट्स को सलाह है कि वह पिछले साल के पेपर्स को जरूर पढ़ लें।
शायद यही सोचकर डॉ. साहब ने चैनल भी शुरू कर दिया जोकि उन्हें कफी पहले शुरू कर देना चाहिए था। पिछले कुछ दिन पहले माता सीता पर बयाने देने के बाद डॉ विकास दिव्यकीर्ति चर्चा में आए थे और अब डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति (Drishti IAS Founder Vikas Divyakirti) इसलिए चर्चा में हैं क्योंकि उन्होंने अपना एक नया यूट्यूब चौनल बनाया है। इस पर लगभग 9.68 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हो चुके हैं। चैनल इसलिए शुरू किया है क्योंकि अब उनको ऐसे लोग भी सुनना चाहते हैं जिनका यूपीएससी से कोई लेना देना नहीं है पर उनके हंसमुख व मिजाजी व्यवहार को लोग ज्यादा पसंद कर रहे है।
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