उत्तराखंड में आगामी 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान है। इसके लिए प्रशासन की तैयारी भी जोरों से चल रही है। इसके लिए कार्मिकों की निर्वाचन के कार्यों को संपन्न कराने में ड्यूटी लगाई जा रही है। लेकिन इन चुनाव ड्यूटी में दृष्टिबाधितों के नाम भी शामिल किए जा रहे हैं। ऐसे में ड्यूटी से नाम कटवाने के लिए दृष्टि दिव्यांग कार्मिकों को जिला निर्वाचन अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं।
नेशनल फेडरेशन आफ द ब्लाइंड के की उत्तराखंड शाखा के प्रदेश सचिव पीएस चौहान ने बताया कि इसे विभागीय अध्यक्षों की ही गलती कहा जाएगा कि उन्होंने निर्वाचन विभाग को दृष्टिहीनों के नाम भी भेज दिए। ऐसे में दृष्टिबाधितों की ड्यूटी निर्वाचन के कार्यों में लगाई जा रही है। उन्होंने बताया कि देहरादून जिले में इलाहाबाद बैंक में कार्यरत दृष्टिबाधित महिला अर्चना लखेड़ा की ड्यूटी निर्वाचन में लगाई गई। इसी तरह उधमसिंह नगर के जसपुर में दृष्टिहीन शिक्षक देवेंद्र सिंह रावत की भी ड्यूटी निर्वाचन में लगा दी गई।
उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधित निर्वाचन ड्यूटी करने में सक्षम नहीं हैं। ऐसे में उनका नाम निर्वाचन ड्यूटी की सूची में डालना, उनके साथ मजाक है। उन्होंने बताया कि हालांकि जिला निर्वाचन अधिकारी के पास जब ऐसे लोग शिकायत लेकर जा रहे हैं तो उनके नाम ड्यूटी से काटे जा रहे हैं, लेकिन इसके लिए कई बार दृष्टिबाधितों को निर्वाचन अधिकारी से भेंट करने में घंटों का इंतजार करना पड़ रहा है।