उत्तराखंड में कर्मचारियों की सुविधा के लिए बनाई गई गोल्डन कार्ड की सुविधा का उन्हें पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है। आरोप है कि कर्मचारियों को जारी गोल्डन कार्ड को सूचीबद्ध चिकित्सालय स्वीकार नहीं कर रहे हैं। ऐसे में एक युवा कर्मचारी की मौत हो गई। वहीं, परिजनों को भी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा।
उत्तराखंड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अर्जुन सिंह परवाल और प्रदेश महामंत्री दीपक पुरोहित ने बताया कि सरकार की ओर से कार्मिकों को बीमारियों के उपचार के लिए गोल्डन कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं।
गोल्डन कार्ड के लिये कार्मिकों के वेतन से नियमित रूप से धनराशी की कटौती की जा रही है। इससे सरकार के पास करोड़ों रूपये जमा हो रहे है।
उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से उपचार के लिए सूचीबद्ध चिकित्सालयों की ओर से गोल्डन कार्ड स्वीकार नहीं किये जा रहे हैं। राजकीय उद्यान जरमोला उत्तरकाशी के प्रबारी सुधीर उनियाल दुर्घटना में घायल होने के उपरान्त सीएमआइ हॉस्पिटल, देहरादून में भर्ती थे। उनकी 24 जनवरी को मौत हो गई। उनका गोल्डन कार्ड भी अस्पताल ने स्वीकार नहीं किया। ऐसे में धनाभाव के कारण विभागीय कर्मचारियों ने धनराशि एकत्र कर उनके उपचार की व्यवस्था की। धनराशि के अभाव में उन्हें बेहतर उपचार नहीं मिल पाया और उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
उन्होंने कहा कि कर्मचारियों से गोल्डन कार्ड के नाम से वसूली जा रही धनराशि को तत्काल बंद किया जाए। क्योंकि जब इसका लाभ नहीं मिल रहा है तो राशि कटौती का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इलाज में खर्च की गई धनराशि को लौटाने के लिए मुख्य सचिव से आग्रह भी किया। साथ ही अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की। उन्होंने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के साथ ही मृतक के परिजनों को समुचित मुआवजा देने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना के कर्मचारियों में रोष है। यदि जल्द समाधान नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा।