Escape Tunnel of Jammu and Kashmir India | जम्मू और कश्मीर भारत की पलायन सुरंगें
इरकान ने जम्मू एवं कश्मीर के एस्केप टनल (Escape Tunnel) से हासिल की महत्वपूर्ण सफलता
देहरादून। इरकान इंटरनैशनल लिमिटेड (इरकान), एक मिनीरत्न (श्रेणी-1) शेड्यूल-ए, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ने 15 दिसंबर 2022 को एस्केप टनल (Escape Tunnel) में खुदाई कर जम्मू एंड कश्मीर के यूएसबीआरएल लाइन के टी-49 में महत्वपूर्ण माइलस्टोन पूरा किया है। यह भारत में 12.76 किलोमीटर सबसे लंबी रेलवे टनल है जो सुंबर स्टेशन (1418 मीटर एमएसएल) और अरपिंछला स्टेशन (1562 मी. एमएसएल) को जोड़ती है।
इस 1500 मीटर लंबी खुदाई के दौरान माइनर कोलैप्स व सपोर्ट डैमेज पैदा करने करने वाले कई तरह के अवरोधों व उलटफेरों आदि का कठिन भौगौलिक परिस्थितियों में सामना करना पड़ा। इस टनल (Escape Tunnel) की खुदाई 1000 मीटर के अतिरिक्त भार वाले इलाके में हिमालयन रेंज के अधिकतम कठिनाइयों व चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किया गया जहां विशेषकर टेक्टाइज्ड मेटामार्फिक फार्मेशन थे कार्बोनेशियस फिलाइट्स, क्वार्ट्जाइड फिलाइट्स और जेनिसस के।
इस टनल को मेकेनिकल लांगीट्यूडनल वेंटिलेशन सिस्सटम (जिसमें जेट फैन्स लगाए जाएंगे) से सुसज्जित करते हुए मुख्य टनल में जोड़ा जाएगा। एस्केप टनल में आग लगने की स्थित में धुंए से यात्रियों को बचाने के लिए एयर लाक सिस्टम (जेट फैन्स सहित) भी होगा।
सामान्य संचालन के लिए मुख्य टनल (Escape Tunnel) का वेंटिलेशन सिस्टम एयर क्वालिटी मेजरमेंट सिस्टम से संचालित होगा (सीओ, एनओ, एनओटू व कणों के लिए)। मुख्य टनल में आग लगने की स्थिति में डिटेक्शन सिस्टम दुर्घटना के स्थान का पता लगाएगा और टनल मानीटरिंग एंड कंट्रोल सिस्टम (एससीएडीए) के अलग अलग फायर प्रोग्राम के अनुसार स्वचालित हो जाएगा।
Sargam Koushal Biography | I Am Sargam Koushal, Mrs Indian World 2022
Irkan achieved significant success from Escape Tunnel of Jammu and Kashmir
Irkan International Limited (IRKAN), a Miniratna (Category-I) Schedule-A Public Sector Undertaking, has completed a significant milestone on 15th December 2022 by digging escape tunnel at T-49 of USBRL line in Jammu & Kashmir. It is the longest railway tunnel of 12.76 km in India which connects Sumber station (1418 m MSL) and Arpinchla station (1562 m MSL).
During this 1500 meter long excavation, many types of obstructions and vicissitudes etc. causing minor collapse and support damage were faced in difficult geological conditions. The tunnel was excavated under extreme difficulties and challenging conditions in the Himalayan Range over 1000 m overburden terrain with characteristically tectized metamorphic formations of carbonaceous phyllites, quartzite phyllites and gneisses.
This tunnel will be connected to the main tunnel by equipping it with a mechanical longitudinal ventilation system (in which jet fans will be installed). The escape tunnel will also have an air lock system (with jet fans) to protect passengers from smoke in case of fire.
For normal operation, the ventilation system of the main tunnel will be operated with air quality measurement system (for CO, NO, NO2 and particulates). In the event of a fire in the main tunnel, the detection system will locate the location of the accident and be automated according to the individual fire programs of the Tunnel Monitoring and Control System (SCADA).
Sargam Koushal Biography | I Am Sargam Koushal, Mrs Indian World 2022
Uttarakhand | 526 करोड़ रूपये की वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने वर्चुअल तरीके से मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश में उद्यान विभाग द्वारा संचालित की जा रही जायका परियोजना का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में उद्यान विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत 526 करोड़ रूपये की वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ किया गया।
कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में विभिन्न वाह्य सहायतित एजेंसियां विभिन्न क्षेत्रों में परियोजनाओं को स्वीकृत करने हेतु विशेष रूचि दिखा रही हैं, जो हमारे राज्य के लिए अत्यन्त गर्व की बात है। उद्यान विभाग, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत आज रू0 526 करोड़ की वाह्य सहायतित जायका परियोजना का शुभारम्भ किया जा रहा है, यह उत्तराखण्ड में औद्यानिकी के क्षेत्र में पहली वाह्य सहायतित परियोजना है, जिसका क्रियान्वयन प्रदेश के 04 पर्वतीय जनपदों टिहरी, उत्तरकाशी, नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में किसान उत्पादक संगठनों के सहयोग से किया जाना है।
इसके अन्तर्गत औद्यानिकी के समग्र विकास हेतु विभिन्न महत्वपूर्ण गतिविधियों को सम्मिलित किया गया है, जिसमें कीवी को मुख्य रूप से गैम चैंजिंग क्रॉप के रूप में सम्मिलित करने के साथ-साथ सेब की अति सघन बागवानी को भी प्रमुखता से सम्मिलित किया गया है। उन्होंने कहा कि परियोजना में सप्लाई चेन व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए Farm to Fork तक की विभिन्न गतिविधियों के क्रियान्वयन से प्रधानमंत्री जी के कृषकों की आय दोगुना करने के संकल्प को सार्थक करने में अहम भूमिका प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की भौगोलिक परिस्थितियाँ एवं कृषि जलवायु विभिन्न कृषि एवं औद्यानिक फसलों के उत्पादन हेतु बहुत अनुकूल है, जिसको ध्यान में रखते हुए हमारी सरकार द्वारा अपने पिछले कार्यकाल में भी बागवानी के विकास हेतु महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं- कृषकों को आय के अतिरिक्त साधन प्रदान करने एवं बैरोगजार नवयुवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करते हुए मौनपालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में नैशनल बी बोर्ड, भारत सरकार द्वारा संचालित नैशनल बीकीपिंग एंड हनी मिशन के माध्यम से रू0 468.50 लाख के प्रस्ताव स्वीकृत कराये गये है। जिसमें ज्योलीकोट, नैनीताल में शहद के संग्रहण, प्रसंस्करण इकाई, शहद की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु टेस्टिंग लैबोरेट्री एवं उत्तराखण्ड के शहद को देश और विदेशों तक पहुँचाने हेतु इसकी ब्राण्डिंग व विपणन हेतु ईकाइयों की स्थापना की जा रही है। Escape Tunnel
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्थापित मेगा फूड पार्क में निवेश आकर्षित करने के उद्देश्य से उद्यमियों को भूमि की स्टाम्प शुल्क, बैंक के ब्याज, मंडी से फल एवं सब्जियों की खरीद पर मंडी शुल्क, बिजली की बिल एवं एस०जी०एस०टी० आदि में विशेष छूट प्रदान की जा रही है। पूर्व में मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अन्तर्गत सेब की फसल में ओलावृष्टि से होने वाली क्षति रिस्क फैक्टर में सम्मिलित नहीं था जिसे रिस्क फैक्टर में के रूप में सरकार द्वारा शामिल किया गया, ताकि ओलावृष्टि से किसानों के नुकसान की भरपाई की जा सके।
वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग के कारण कृषि एवं बागवानी में विभिन्न प्रकार की समस्याएँ उत्पन्न हो रही हैं जिसमें कमी लाने के उद्देश्य से नाबार्ड की योजनान्तर्गत रू. 10 करोड़ की लागत के क्लाईमेट स्मार्ट माईक्रो इरिगेशन सिस्टम का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया है। किसानों को रोग रहित उच्च गुणवत्ता युक्त सेब के पौधे की उपलब्धता हेतु जनपद उत्तरकाशी के भटवाड़ी में टिश्यू कल्चर लैब की स्थापना की गयी है। हमारे प्रदेश को भारत सरकार द्वारा बेस्ट हॉर्टीकल्चर स्टेट इन इण्डिया से भी सम्मानित किया गया जो कि गर्व का विषय है।
कृषि मंत्री श्री गणेश जोशी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि सन् 2025 तक उत्तराखण्ड हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान में होगा। आगामी 25 दिसम्बर को रूफ गार्डनिंग के क्षेत्र में एक अह्म योजना का शुभारम्भ करने जा रहे हैं जिसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत देहरादून जनपद को शामिल किया गया है। Escape Tunnel
उन्होंने कहा कि हम कोई भी नवीन योजना किसानों से पूरे विचार विमर्श के बाद ही लायी जायेगी। हमने अधिकारियों को भी निर्देश दिये है कि ज्यादा से ज्यादा फिल्ड में रह कर किसानों की समस्याओं का समाधान करने की पूर्ण कोशिश करें। कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने कहा कि हमारे राज्य में पलायन एक अह्म समस्या है, हार्टिकल्चर के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न विकास के कार्य निश्चित रूप से पलायन को रोकने में सक्षम होंगे।