आज वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट 2022-23 पेश किया। केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह चौथा बजट है। बजट में आयकर दरों या स्लैब में बदलाव की उम्मीद लगाए टैक्सपेयर्स को निराशा हाथ लगी है। आयकर की दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लोगों की यह जानने में भी उत्सुकता रही कि बजट में क्या महंगा हुआ और जरूरत की किन वस्तुओं के लिए अब उन्हें ज्यादा कीमत चुकानी होगी। बजट के कारण जहां इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स, जवाहरात-आभूषण, घड़ियां और कैमिकल्स सस्ते होंगे, वहीं विदेशी छाते महंगे हो जाएंगे।
सीधे शब्दों में कहें तो निर्मला सीतारमण के बजट में नौकरीपेशा लोगों, किसानों और कारोबारियों को कोई भी अहम सौगात नहीं मिली है। इसमें डिजिटल करेंसी, डिजिटल बैंकिंग यूनिट का बड़ा ऐलान शामिल है। कोरोना काल में स्कूली पढ़ाई लिखाई को पहुंचे नुकसान को देखते हुए सरकार ने डिजिटल यूनिवर्सिटी बनाने का ऐलान किया है। हालांकि बजट में ये नहीं बताया गया कि इसमें पढ़ने वाले गरीब बच्चे डिजीटल पढ़ाई के लिए टीवी सैट या लैपटॉप कहां से लाएंगे। जो ऑनलाइन एजुकेशन में उनकी मदद करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा है कि इस बजट के जरिए अगले पांच साल का ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। वित्त मंत्री ने इस बजट में सरकार की प्राथमिकताएं बताई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि है कि सरकार का लक्ष्य आने वाले समय में 60 लाख नौकरियों का सृजन करना है। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर युवाओं, महिलाओं एवं गरीबों का सशक्तिकरण करने पर है। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार नॉर्थ इस्ट के विकास के लिए विशेष योजना चलाएगी। पूर्वोत्तर राज्यों के विकास के लिए सरकार 1500 करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। साथ ही आंगनबाड़ी केंद्रों को आधुनिक बनाने पर जोर दिया जाएगा।
आगामी 3 साल में 400 वंदे मातरम ट्रेन, 60 लाख नौकरियां
वित्तमंत्री ने कहा कि अगले तीन साल में देश में 400 नई वंदेमातरम ट्रेन चलाई जाएंगी। सीतारमण ने बताया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 16 लाख नौकरियां संभव हैं। सड़कों का नेटवर्क बढ़ाने के लिए सरकार हाई-वे के विस्तार पर 20 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है। पांच साल में सरकार का लक्ष्य 60 लाख नौकरियां तैयार करना है।
साथ ही 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट भी स्थापित करने की घोषणा भी वित्त मंत्री ने की है। हालांकि इनकम टैक्स में कोई बदलाव नहीं होने से मध्यमवर्गीय और वेतनभोगियों को फिर मायूसी हाथ लगी है। सरकार ने इनकम टैक्स रिटर्न में बदलाव की सुविधा दी है। अब दो साल पुराने आईटीआर में अपग्रेड किया जा सकेगा। सहकारी संस्थाओं पर भी अब कॉरपोरेट टैक्स की तरह 15 फीसदी टैक्स लगेगा, सरकार ने राज्य कर्मियों को NPS में योगदान 14 फीसदी करने की छूट दी है।
कौन सी वस्तुएं होंगी सस्ती
चमड़ा, कपड़ा, खेती का सामान, पैकेजिंग के डिब्बे, मोबाइल फोन चार्जर और जेम्स एंड ज्वैलरी सस्ते होंगे। जेम्स एंड ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है। कट और पॉलिश्ड डायमंड पर भी कस्टम ड्यूटी घटाकर 5 फीसदी कर दी गई है। एमएसएमई को मदद मुहैया कराने के लिए स्टील स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी छूट को 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है। मेंथा ऑयल पर कस्टम ड्यूटी को घटाया गया। मोबाइल फोन के चार्जर, ट्रांसफॉर्मर आदि पर कस्टम ड्यूटी में छूट दी गई है, ताकि घरेलू मैन्युफैक्टरिंग को बढ़ावा दिया जा सके।
क्या हुआ महंगा
कैपिटल गुड्स पर आयात शुल्क में छूट को खत्म करते हुए 7.5 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया गया है। इमिटेशन ज्वैलरी पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाई गई, ताकि इसके आयात को कम किया जा सके। विदेशी छाता भी महंगा होगा। इसके अलावा इस साल अक्टूबर से बिना ब्लेंडिंग वाले फ्यूल पर 2 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी लगेगी।
क्रिप्टो करेंसी से कमाई पर 30% टैक्स
वित्त मंत्री ने कहा है कि वर्चुअल डिजिटल असेट यानि क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर लोगों को 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके अलावा एनपीएस में अब 10% की जगह 14% योगदान होगा।