Ganga – Gangotri Glacier Tour and Nandanvan Tapovan | उत्तराखण्ड दर्शन और आलौकिक आनंद
गौमुख गंगोत्री में गंगा के दर्शन करके अद्भुत आनन्द व प्रकृति आपसे कुछ बोलती है सच….
Uttarakhand philosophy and supernatural bliss
Seeing the Ganga in Gaumukh Gangotri is a wonderful joy and nature tells you something true…
चारधाम यात्रा धर्म और दर्शन एवं प्राकृतिक सौन्दर्य से आपको नई आशा और ताजगी देने के लिए हमेशा तत्पर रहती है। जब आप उत्तराखण्ड की यात्रा करने का मन बनाये तो आप समझ लो कि प्रकृति आप पर अनोखी कृपा दृष्टि डाल दी है बस यूं कहे आपको अपने अद्भुत और शानदार प्राकृतिक दृश्यों का आनन्द लेने के लिए चुन गया है। यात्रा के नाम पर आप उत्तराखण्ड में पधारे हो तो सबसे पहले आपको गंगोत्री जो गंगा का मायका है के दर्शन करने की अनुमति देती है। जैसे गंगा अपने आप में पवित्र है और हमेशा अविरल बहती चली जा रही है एक तरफ से कहा जाय कि गंगा आपको अपने प्रेम में अपनी ओर खींच ने प्रयास करती है। इसके लिए सबसे पहले आपको गंगोत्री, जो देश की सबसे पवित्र नदी है यानि का गंगा का उद्गम स्थान (स्रोत) है इससे रू-ब-रू करवाती है और इसे भी एक तीर्थ माना जाता है। यहां दर्शन के लिए आने वाले लोगों के लिए विश्वास और अस्था व स्थान है जहां घूमने-फिरने के लिए अनेकों विकल्प मौजूद हैं। इस जगह की महत्ता अपने आप में विशिष्ट है, इसलिए लोग यहां बार-बार आना पसंद करते हैं।
गंगोत्री ग्लेशियर यात्रा एवं नंदनवन तपोवन / Gangotri Glacier Tour and Nandanvan Tapovan
नंदनवन तपोवन आने के लिए आपको गंगोत्री ग्लेशियर, एक कठिन टैªक के माध्यम से नंदन वन तक पहंुचने में आपकी मदद करता है। भागीरथी चोटियों के लिए यह एक आधार शिविर भी है और आसपास के शिवालिक शिखर का एक उत्कृष्ट दृश्य प्रस्तुत करता है। यह तपोवन की ओर भी जाता है, जो अपने सुन्दर घास के मैदानों के लिए भी जाना जाता है जो शिवालिक चोटियों के आधार को घेरे हुए है। यहां प्राकृतिक के अद्भुत दृश्यों व मनमोहक दृश्यों को देखकर आप आनंद से भर जायेंगे।
केदार ताल /Kedar Tal
केदार ताल के लिए टैªक आपकी यात्रा को रोमांचक बना देती है। यात्रा के दौरान आप केदारताल के भी दर्शन कर सकते है यहां एक खास बात है कि यहां के सर्द पानी की अनुभूति देने वाली एक क्रिस्टल की तरह स्पष्ट और पारदर्शी झील, केदार ताल भवान की एक अद्भुत रचना की है। गंगोत्री से केदार ताल तक 18 किलोमीटर के ट्रेक आपका आपको नया अनुभव एक अद्भुत आनंद दिये जाते है। जिसे आप हमेशा याद रखते है कभी भी भूलते नही है।
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नरेन्द्रनगर/ Narendranagar
नरेन्द्रनगर उत्तराखण्ड के एक जिला टिहरी गढ़वाल में स्थित है। यह स्थान टिहरी में स्थित एक संुदर स्थान है। जहां डैम से पानी रोककर बिजली उत्पन्न की जाती है एवं यह स्थान पर्यटकों के लिए बड़ा ही खास है। नरेन्द्रनगर, ऋषिकेश की गंगा घाटी और हरिद्वार के मैदानी इलाकों के सबसे सुखद दृश्य प्रस्तुत करता है। देखने में यह एक छोटा शहर है, जो बड़े इतिहास को खुद में समेटे हुए है। यह टिहरी रियासत के दौर में राजधानी के रूप में अपनी पहचान रखता है।
टिहरी / Tehri
टिहरी गढ़वाल, उत्तराखण्ड प्रदेश का एक रियासत की पूर्व राजधानी भी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। वर्तमान में यह एक आधुनिक शहर और टिहरी-गढ़वाल जिले का मुख्यालय होने के साथ-साथ नई टिहरी के रूप में पर्यटन केंद्र है। विशाल टिहरी झील और बांध का मनोरम दृश्य व सुनियोजित शहर पर्यटकों को सहजता ही आकर्षित करता है, जो यहां की प्राकृतिक सुंदरता और झील में पानी से संबंधित खेलों का आनंद लेने के लिए यहां आते है।
टिहरी शहर, भागीरथी नदी पर स्थित है। यहां पर निर्मित बांध, देश में अपनी तरह का सबसे ऊंचा बांध है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में से एक माना जाता है। नई टिहरी पहाड़ी पर स्थित हैै और इसे हिल-स्टेशन के तौर पर भी जाना जाता है। यह सुन्दर मंदिरों और घने जंगलों से घिरा और हिमालय की ऊंची चोटियों के बीच स्थित छुट्टी बिताने के लिए आदर्श गंतव्य है। यहां साल भर रोमांच से भरपूर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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डोडीताल /Dodital
डोडीताल, उत्तरकाशी जिले में है यह समुद्रतल से 3024 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक मीठे पानी की झील है। लोकप्रिय किंवदंतियों में से एक के अनुसार भगवान गणेश ने इस स्थान को अपने निवास स्थान के रूप में चुना था। जिसे देखने के लिए पर्यटक गर्मियों के मौसम में आने व घुमने का मन बनते है और यहां भरपूर आंनद लेते है।
दयारा बुग्याल/ Dayara Bugyal
दयारा बुग्याल, उत्तराखण्ड में एक खूबसूरत मैदानी क्षेत्र है। यह सम्रुद्र तल से 3,048 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। दयारा बुग्याल एक सड़क मार्ग भटवारी गांव को रैथल गांव से जोड़ती है। इस गांव से, दयारा बुग्याल लगभग 6 किमी दूर एक लंबा टैªक है।
यहां स्थित शेषनाग मंदिर भी एक प्रमुख आकर्षण का केन्द्र है। यह मंदिर दयारा बुग्याल के रस्ते में पड़ता है। दयारा से, डोडी ताल की ओर भी जाया जा सकता है। दयारा बुग्याल में सर्दियों के दौरान लगभग 28 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र स्की ढलानों में आ जाता है।
नचिकेता ताल /Nachiketa Tal
ऐसी पौराणिक मान्यता है कि इस नचिकेता ताल ;झीलद्ध में देवी-देवता स्नान के लिए आते है। उत्तराखण्ड में नचिकेता ताल एक शानदार घाटी के अंदर मानो जैसा लगता है और घाटी में पानी इक्कट्ठा होने के कारण यहां पानी ज्यादा मात्रा में होने से यहां के प्राकृतिक सौन्दर्य का अद्भुत वर्णन दर्शाती है। यात्रा के सीजन में हरे भरे जंगलों के माध्यम से एक संुदर टैªक नचिकेता ताल तक जाता है। इस स्थान में मुख्य आकर्षण यहां का शांत एवं सुन्दर परिवेश और छोटे मंदिर एवं झील हैं।
नचिकेता ताल की बात करें तो यह समुद्र तल से लगीाग 2453 मीटर ऊपर स्थ्तिा है। बताते हैं कि यह ताल 7 फीट गहरा है और इस झील के एिल प्राकृतिक पानी ही एक मात्र स्रोत है। यह ताल उत्तरकाशी से 29 किलोमीटर की दूरी पर स्थ्ति है। यहां के लोग नागपंचमी के दिन इस ताल में स्नान करते हैं।