Governor | प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ज्योत्सना सितलिंग ने दी Governor को वन पंचायतों के कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी
Dehradun: राज्यपाल (Governor) लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, वन पंचायत उत्तराखण्ड ज्योत्सना सितलिंग ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान उन्होंने उत्तराखण्ड में वन पंचायतों के कार्यप्रणाली के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
राज्यपाल ने प्रमुख मुख्य वन संरक्षक (पीसीसीएफ) से उत्तराखण्ड में वन पंचायतों को “ग्रीन इकॉनोमी” के मॉडल से जोड़ते हुए वन पंचायतों में स्थानीय लोगों की मजबूत भागीदारी को सुनिश्चित करने सम्बन्धी जानकारी ली।
इसके साथ ही राज्यपाल और पीसीसीएफ के बीच वन पंचायतों को ठोस बिज़नेस मॉडल से जोड़ने और उसमें “कार्बन फ़ाइनेंसिग” के ज़रिए निवेश की संभावनाओं को तलाशने संबंधित भी विस्तृत चर्चा हुई।
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गुरु रविदास जयंती के शुभ अवसर पर राज्यपाल (Governor) ने सभी प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने महान समाज सुधारक गुरु रविदास जयंती के शुभ अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
रविदास जयंती की पूर्व संध्या पर जारी संदेश में राज्यपाल (Governor) ने कहा है कि संत रविदास ने अपने सम्पूर्ण जीवन में सामाजिक विषमताओं और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई और समतामूलक समाज की स्थापना के लिए कठिन परिश्रम किया। समाज में शांति, दया, करूणा, प्यार तथा समानता का माहौल तैयार करने के लिए हम सबको उनके आदर्शों पर चलकर प्रेरणा लेनी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड का अधिकांश क्षेत्र पर्वतीय अंचल और वन क्षेत्र से घिरा हुआ है। प्रदेश में वन पंचायतों को मज़बूती प्रदान करना बेहद महत्वपूर्ण है, उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में “ग्रीन इकॉनोमी” मॉडल को विकसित करने से जहां एक ओर स्थानीय लोगों की अपने जंगल और पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर महत्वपूर्ण सहभागिता होगी वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों की आजीविका को भी मज़बूती मिलेगी।
“मानसखंड झांकी“ को देश में प्रथम स्थान प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री को दी बधाई, पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल ने की मुलाकात
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से शुक्रवार को नेशनल सोशल मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज इष्टवाल व उत्तरांचल प्रेस क्लब अध्यक्ष अजय राणा के संयुक्त नेतृत्व में मीडियाकर्मियों ने भेंट की। उन्होंने गणतंत्र दिवस की परेड में कर्तव्य पथ पर शामिल उत्तराखंड की “मानसखंड झांकी“ को पहली बार प्रथम स्थान प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री को बधाई दी।
मीडियाकर्मियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि मानसखण्ड को देश मे प्रथम स्थान मिलने से उत्तराखंड को देश में पहचान मिली है। मानसखण्ड झांकी के माध्यम से देश विदेश के पर्यटकों को मंदिर माला मिशन की जानकारी भी मिलेगी। प्रतिनिधि मंडल में मनोज इष्टवाल, अजय राणा, दयाशंकर पांडेय, अमित अमोली, रमन जायसवाल, सुभाष गौड़ व अवधेष नौटियाल इत्यादि शामिल थे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा यह उपलब्धि हम सबके लिए गौरवशाली पल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुराणों में गढ़वाल का केदारखंड और कुमाऊं का मानसखंड के रूप में वर्णन किया गया है। स्कंद पुराण में मानसखंड के बारे में बताया गया है। जागेश्वर मंदिर की बहुत धार्मिक मान्यता है।
गणतंत्र दिवस परेड को अभी तक राजपथ के नाम से जाना जाता था, किंतु इस वर्ष उसका नाम बदलकर कर्तव्य पथ रखा गया है। नाम बदलने के बाद कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की यह पहली परेड थी, जिसमे उत्तराखंड की झांकी मानसखंड को देश मे प्रथम स्थान मिलने से इतिहास में उत्तराखंड राज्य का नाम दर्ज हो गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में सांस्कृतिक नवजागरण में उत्तराखंड सरकार भी काम कर रही है। मानसखंड मंदिर माला मिशन योजना भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। “मानसखण्ड” मंदिर माला मिशन के तहत चार धाम की तर्ज पर कुमाऊं क्षेत्र के पौराणिक मंदिरों को भी विकसित किया जा रहा है।
महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी ने बताया कि इस वर्ष के लिए मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वयं मानसखंड की झांकी का सुझाव दिया था व इसके डिज़ाइन का तीन बार स्वयं अवलोकन कर उसे फाइनल किया था। यह पूरे प्रदेश के लिए ख़ुशी की बात है।
क्या है मानसखंड मंदिर माला मिशन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर श्री केदारनाथ और श्री बद्रीनाथ की भांति ही कुमाऊं के प्रमुख पौराणिक महत्व के मंदिर क्षेत्रो में अवस्थापनात्मक विकास के लिए मानसखंड मन्दिर माला मिशन योजना पर काम किया जा रहा है। इन्हें बेहतर सड़कों से जोड़ा जाएगा। इसके साथ ही इस योजना के ज़रिए गढ़वाल और कुमाऊं के बीच सड़क कनेक्टिविटी को भी सुधारा जाएगा, ताकि उत्तराखण्ड में गढ़वाल और कुमाऊं के बीच यातायात सुगम हो। मानसखंड कॉरिडोर को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मानसखंड कॉरिडोर पर काम कर रही है। सरकार का प्रयास है कि विभिन्न धार्मिक सर्किटों का विकास किया जाए। उन्होंने कहा इसके तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आने वाले मुख्य मंदिरों को आपस में जोड़ेंगे एवं सर्किट के रूप में विकसित करके धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
इन प्रमुख मंदिरों का होगा विकास
मुख्यमंत्री धामी के विजन के अनुसार पहले चरण में क़रीब 2 दर्जन से अधिक मंदिरों को इसमें शामिल किया गया है। इनमें जागेश्वर महादेव, चितई गोलज्यू मंदिर, सूर्यदेव मंदिर, नंदादेवी मंदिर कसारदेवी मंदिर, झांकर सैम मंदिर पाताल भुवनेश्वर, हाटकालिका मंदिर, मोस्टमाणु मंदिर, बेरीनाग मंदिर, मलेनाथ मंदिर, थालकेदार मंदिर, बागनाथ महादेव, बैजनाथ मंदिर, कोट भ्रामरी मंदिर, पाताल रुद्रेश्वर गुफा, गोल्ज्यू मंदिर, निकट गोरलचौड मैदान, पूर्णागिरी मंदिर, वारही देवी मंदिर देवीधुरा, रीठा मीठा साहिब, नैनादेवी मंदिर, गर्जियादेवी मंदिर, कैंचीधाम, चैती (बाल सुंदरी) मंदिर, अटरिया देवी मंदिर व नानकमत्ता साहिब प्रमुख रूप से शामिल किए गए हैं। Governor
Central Zonal Council Standing Committee | मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति
Dehradun: उत्तराखण्ड के मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में देहरादून में मध्य क्षेत्रीय परिषद की स्थायी समिति की 15वीं बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए मुख्य सचिव उत्तराखण्ड डॉ. संधु ने कहा कि केन्द्र व राज्यों के मध्य आपसी समन्वय, आर्थिक और सामाजिक विकास जैसे मुद्दों पर चर्चा तथा केन्द्र सरकार से समाधान हेतु मध्य क्षेत्रीय परिषद् की महत्वपूर्ण भूमिका है। बैठक में छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश राज्य में राज्य सरकारों द्वारा संचालित गुड प्रैक्टिसिस पर भी चर्चा की गई।
बैठक के दौरान मध्य क्षेत्रीय परिषद के राज्यों में स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात कही गयी। स्थानीय उत्पादों को मिड डे मील के अंतर्गत अधिक से अधिक बढ़ावा दिए जाने की बात की गई। दूरस्थ गांवों में 5 किमी के दायरे में बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराए जाने पर बल दिया गया। इसके साथ ही, भारत नेट 1, भारत नेट – 2 एवं भारत नेट – 3 परियोजनाओं के माध्यम से मोबाईल कनेक्टिविटी को बढ़ाए जाने पर बल दिया गया। Governor
बैठक के दौरान राष्ट्रीय महत्त्व के विषयों पर भी विस्तार से चर्चा की गयी। सभी राज्यों द्वारा अपनाई गयी बेस्ट प्रेक्टिसेज को सभी मध्य क्षेत्रीय परिषदीय राज्यों में लागू किए जाने बात कही गयी। उक्त बिन्दुओं पर छतीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा उत्तर प्रदेश राज्यों की प्रगति की समीक्षा की गई। सभी राज्यों से बेस्ट प्रैक्टिसेज पर प्रस्तुतीकरण दिया गया।