Self-reliant India campaign Uttarakhand | स्वावलंबी भारत अभियान उत्तराखंड
- उत्तराखंड में रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ाने के बारे में ‘स्वावलंबी भारत अभियान उत्तराखंड’ के तहत बैठक आयोजित
- स्वावलंबी भारत अभियान उत्तराखंड के तहत संघ कार्यालय विकासनगर में आयोजित की गई बैठक
देहरादून। स्वावलंबी भारत अभियान उत्तराखंड के तहत संघ कार्यालय विकासनगर में कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न वक्ताओं द्वारा उत्तराखंड में रोजगार एवं स्वरोजगार को बढ़ाने के बारे में बताया गया। कार्यक्रम में अभियान के जिला संयोजक संदीप श्रीवास्तव जी ने बैठक की प्रस्तावना रखी। प्रांत सह संयोजिका डॉ दिव्या नेगी घई जी ने मां तुलसा जी के महत्व के बारे में चर्चा की एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म के संदर्भ में बैठक में आए लोगों को अवगत कराया, वहीं स्वावलंबी भारत अभियान की प्रांत महिला समन्वयक प्रीती शुक्ला जी ने अभियान के प्रथम चरण से लेकर चतुर्थ चरण तक की विस्तार से चर्चा की। प्रांत समन्वयक दरवान सरियाल जी ने जिला सर्जन केंद्र एवं अभियान को कैसे उत्तराखंड में गति दे सके इस संदर्भ में चर्चा की।
कार्यक्रम में वक्ताओं ने विस्तार से स्वावलंबी भारत अभियान के बारे में बताया, उन्होंने बताया कि स्वावलंबी भारत अभियान, भारत में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा करने हेतु ठोस कदम उठाने के लिए एक महत्वपूर्ण सामूहिक पहल है, जिसे आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में काम कर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 18 संगठनों द्वारा प्रारम्भ किया गया है। भले ही भारत को आज विष्व का सबसे युवा राष्ट्र माना जाता है, लेकिन इसके बावजूद भारत के आर्थिक विकास के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ी चुनौती है। India campaign Uttarakhand
उन्होंने कहां उत्तराखंड के पास कौशल विकास, नवाचार, अनुसंधान और विकास के माध्यम से एक ऐसा वातावरण बनाना हैं जिससें हमारे उत्तराखंड में रोजगार और स्वरोजगार के अवसर पैदा हो। अब समय आ गया है जहां उत्तराखंड के युवा अपनी क्षमता का उपयोग कर न केवल अपने लिए बल्कि दूसरों के लिए भी, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में सक्षम हों। हमारा लक्ष्य उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को गरीबी रेखा से ऊपर लाना, प्रत्येक हाथ को काम प्रदान करना और उत्तराखंड को एक समृद्ध राज्य बनाना है, जहां उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को आर्थिक विकास का लाभ मिले।
स्वावलंबी भारत अभियान के तहत श्री गोवर्धन सरस्वती विद्या मंदिर, धर्मपुर में देहरादून के जिला रोजगार सृजन केंद्र का उद्घाटन पहले ही हो चुका है। आगे विकासनगर में भी एक रोजगार सृजन केंद्र खोलने का प्रस्ताव है।
विकासनगर से बिशेंद्र शर्मा जी ने यह बैठक आयोजित की एवं अभियान से जुड़े चंदोला जी ने भारत के स्वर्णिम इतिहास की याद दिलाते हुए, युवाओं को इस अभियान से जोड़ने का आह्वान किया।
Ultra Luxury Van Caravan | अल्ट्रा लक्जरी वैन ‘कैरवानं’ से पर्यटक उत्तराखंड में पसंदीदा जगह की कर सकेंगे यात्रा
देहरादून। उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के सहयोग से अब पर्यटक उत्तराखंड के दूरस्थ स्थानों पर अल्ट्रा लक्जरी वैन कैरवान से अपने परिवार और दोस्तों के साथ सफर कर सकेंगे। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस विशेष वाहन कैरवान का हुआ शुभारंभ।
कैरवान में एक पांच सीटर व दूसरी गोरखा कैरवान तीन सीटर है। इन कैरवान की यात्रा अवधि आठ दिनों की होगी, जिसमें पर्यटक लगभग 900 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करते हुए, उत्तराखण्ड के पर्यटन स्थलों का भ्रमण कर पायेंगे। इन आठ दिनों में इसका रूट पंतनगर से शुरू होकर टनकपुर में साहसिक गतिविधियां करते हुए, पंचेश्वर, बिंनसर, गरूड़, औली, टिहरी होते हुए वापस देहरादून होगा।
इस मौके पर पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे ने कहा कि यात्रा के शौकीन पर्यटकों के लिए यह कैंपिंग वाहन घर जैसी सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएगा। इस वाहन के साथ आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सड़क के रास्ते कहीं भी यात्रा कर सकते हैं। कैरवान के जरिए पर्यटक अपने पसंदीदा पर्यटन स्थल पर सड़क यात्रा कर आसानी से पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस वाहन में एलसीडी टीवी, सैटेलाइट टीवी, जीपीआरएस नेविगेशन सिस्टम, वॉशरूम, पेंट्री, कॉफी मेकर, माइक्रो वेव आदि सुविधाएं उपलब्ध हैं।
कैरवान से ट्रैवल करने का एक बड़ा फायदा ये है कि इसमें बैठकर आपको कभी ऐसा अनुभव नहीं होगा कि आप घर से बाहर आए हुए हैं। कैरवान के जरिए पर्यटक दूरदराज के इलाकों, जंगलों और नदियों के किनारे अपनी उत्तराखंड यात्रा को यादगार बना सकते हैं। कैरवान में घर जैसा ही वातावरण मिलता है, इसमें आप अपने परिवार, दोस्तों के साथ मस्ती करते हुए आराम से यात्रा कर सकते हैं। India campaign Uttarakhand
वहीं यह स्थानीय लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ उन्हें स्वावलम्बी बनाने की दिशा में एक अच्छी पहल है। कैरवान के माध्यम से पर्यटक सड़क यात्रा कर अपनी पसंदीदा स्थल पर पहुंच सकेंगे। कैरवान पर्यटन का चलन हाल के वर्षों में काफी बढ़ा है और यह पर्यटकों के लिए एक किफायती पर्यटन विकल्प बनकर उभरा है क्योंकि कैरवान में आवास भोजन की सुविधा होने के चलते पर्यटकों को अलग से होटल की बुकिंग नहीं करानी पड़ेगी।
कैरवान को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना में शामिल किया गया है। राज्य सरकार की पर्यटन नीति के तहत एमएसएमई के अंतर्गत कैरवान खरीद सकते हैं। इसके लिए सरकार की ओर से तय अनुदान भी दिया जा रहा है। इसका पर्यटकों और उत्तराखंड़ वासियों दोनों को सीधा लाभ मिलेगा।