Indian Military Academy Dehradun Uttarakhand |भारतीय सैन्य अकादमी देहरादून उत्तराखंड में अशोक की लाट
About IMA Dehradun Uttarahand
Indian Military Academy दुनिया के सबसे कर्मठ होनहार जहांबाज अफसरों को जन्म देने वाली या बेहतरीन सैन्य प्रशिक्षण के लिए जाने जाने वाला शहर देहरादून उत्तराखण्ड भारत में स्थित भारतीय सैन्य अकादमी (आइएमए) काम लगातार 90 साल से बखूबी कर रही है हमें यह बताने में बड़ी खुशी हो रही है कि आइएमए देश का गौरव संस्थान है जिसने भारत सहित देश-विदेश के लगभग 64 हजार 145 सैन्य अफसर दे चुका है।
History of Indian Military Academy (भारतीय सैन्य अकादमी का गौरवशाली इतिहास)
History of Indian Military Academy (भारतीय सैन्य अकादमी का गौरवशाली इतिहास) है। भारतीय सैन्य अकादमी नौ दशक पहले रेलवे स्टाफ कालेज हुआ करता था। कालेज का 206 एकड़ कैंपस और अन्य ढांचागत सुविधाएं भारतीय सैन्य अकादमी को हस्तांतरित की गईं और वर्ष 1932 में 40 कैडेट के साथ अकादमी का सफर शुरू हुआ। हमारे सम्मानित पाठ्यक्रम-साथियों के थंबनेल रेखाचित्रों को हमारे अकादमी कार्यकाल के दौरान उनके बारे में ज्ञान के साथ लिखा गया है। हमारा जुड़ाव कुछ के साथ संक्षिप्त, कुछ अन्य के साथ छिटपुट और कई के साथ मध्यम रूप से लगातार रहा, इसलिए रेखाचित्रों का आकार अलग-अलग था।
Established on 01 October 1932 (01 अक्टूबर 1932 को हुई स्थापना)
आइएमए की Established on 01 October 1932 (स्थापना एक अक्टूबर 1932) को हुई। ब्रिगेडियर एलपी कोलिंस प्रथम कमांडेंट बने। संस्थान के पहले बैच को ‘पायनियर बैच’ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें फील्ड मार्शल सैम मानेक शा (Field Marshal Sam Manekshaw), म्यांमार के सेनाध्यक्ष स्मिथ डन एवं पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष मोहम्मद मूसा शामिल थे। मुझे लगता है कि यह मेरे माता-पिता ही थे जिनकी प्रार्थनाएं ईश्वर के अदृश्य हाथ के रूप में प्रकट हुईं जिन्होंने अकादमी में मेरे पहले दिन से ही उन सभी कठिन दिनों में मेरी रक्षा की और सेवानिवृत्ति के दिन तक मेरे साथ रही। Indian Military Academy
Messi Love Story | लियोनेल मेसी अपनी पत्नी के साथ प्राकृतिक सौन्दर्य का लुप्त उठाते हुए
Indian Military Academy 1932 – 1982
Awarded the King’s Color in the year 1933 (वर्ष 1933 में प्रदान किया किंग्स कलर)
Field Marshal Sir Philip W Chatwood (फील्ड मार्शल सर फिलिप डब्ल्यू चैटवुड) ने 10 दिसंबर 1932 को भारतीय सैन्य अकादमी का औपचारिक उद्घाटन किया। उन्हीं के नाम पर IMA (आइएमए) की प्रमुख बिल्डिंग चैटवुड बिल्डिंग के नाम से विख्यात है। वर्ष 1933 में आइएमए को किंग्स कलर प्रदान किया गया।
ब्रिगेडियर ठाकुर महादेव सिंह पहले भारतीय कमांडेंट
स्वतंत्रता के पश्चात भारतीय सैन्य अकादमी (IMA) की कमान पहली बार किसी भारतीय के हाथ में सौंपी गई। वर्ष 1947 में ब्रिगेडियर ठाकुर महादेव सिंह इसके पहले कमांडेंट बने। वर्ष 1949 में परिवर्तन हुआ और यह सुरक्षा बल अकादमी बनी।
Lionel Messi Argentina’s Star’s Wife Antonela Roccuzzo Is Ready for World Cup 2022
इसका नाम रखा गया नेशनल डिफेंस एकेडमी
इसका एक अलग विंग क्लेमेनटाउन में खोला गया, जहां सेना के तीनों विंगों को ट्रेनिंग दी जाती थी। बाद में इसका नाम नेशनल डिफेंस एकेडमी (National Defense Academy) रख दिया गया। वर्ष 1954 में एनडीए (NDA) के पुणे (महाराष्ट्र) स्थानांतरित हो जाने के बाद इसका नाम मिलिट्री कालेज हो गया।
आइएमए से पास आउट अधिकारी पहली बार कमांडेंट
वर्ष 1956 में ब्रिगेडियर एमएम खन्ना पहले ऐसे कमांडेंट बने, जो स्वयं भी आइएमए से पास आउट थे। वर्ष 1960 में संस्थान को भारतीय सैन्य अकादमी का नाम दिया गया। चीन से युद्ध के दौरान नवंबर 1962 से लेकर नवंबर 1964 तक चार हजार से अधिक जेंटलमैन कैडेट्स (Gentlemen Cadets) को अधिकारी के रूप में कमीशन प्रदान किया गया।
1962 में मिला अकादमी का ध्वज
10 दिसंबर 1962 को तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एस राधाकृष्णन ने स्वतंत्रता के बाद पहली बार अकादमी का ध्वज प्रदान किया। वर्ष में दो बार (जून और दिसंबर माह के दूसरे शनिवार को) आइएमए में पासिंग आउट परेड (IMA Passing out parade) का आयोजन किया जाता है।
आर्मी कैडेट कोर को IMA में किया ट्रांसफर
15 दिसंबर को 1976 में दीक्षांत समारोह के अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने अकादमी को फिर से ध्वज प्रदान किया। वर्ष 1977 में पुणे से आर्मी कैडेट कोर (Army Cadet Corps) को आइएमए में स्थानांतरित किया गया। तब से यह यहां फीडर विंग के रूप में कार्यरत है।
Lionel Messi Biography | Footballer Lionel Messi worth USD 41 million, Enjoying with his wife
मित्र देश भी मान रहे हैं लोहा
भारतीय सैन्य अकादमी ने देश-दुनिया को एक से बढ़कर एक नायाब अफसर दिए हैं। यहां प्रशिक्षण लेने वालों में न केवल देश बल्कि विदेशी कैडेट में शामिल रहते हैं। अकादमी के कड़े प्रशिक्षण व अनुशासन का लोहा मित्र देश भी मान रहे हैं। अब तक अकादमी 30 मित्र देशों के 2813 युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है।
Gregg Berhalter and several USMNT players showed their appreciation to FIFAWorldCup
Female Fans | कतर विश्व कप 2022 में महिला प्रशंसकों के लिए बुरी खबर है