महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता (late father) को किया याद, भावुक हुए मुख्यमंत्री

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महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता (late father) को किया याद, भावुक हुए मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागर मध्य प्रदेश के सदर कैंट में महार रेजीमेंट के कार्यक्रमों में किया प्रतिभाग।
  • महार रेजिमेंट के वॉर मेमोरियल में दी शहीदों को श्रद्धांजलि।
  • वार मेमोरियल का भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया अवलोकन।
  • महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से मिले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
  • महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता (late father) को किया याद, भावुक हुए मुख्यमंत्री।
  • सेना हमारी रक्षक, हमारा मस्तक- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मध्य प्रदेश स्थित सागर में महार रेजिमेंट में आयोजित सैनिक सम्मेलन में प्रतिभाग किया। सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल्यकाल में जब वे अपने (स्वर्गीय) पिताजी से महार रेजिमेंट के वीर सैनिकों की शौर्यगाथाओं के बारे में सुनते थे तो मन में उत्साह और उमंग की भावना हिलोरे लेने लगती थी। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आप सभी वीर सैनिकों के बीच आने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व वह यहां एक बालक के रूप में आये थे जिसके लिए ये पूरा परिवेश किसी स्वप्नलोक से कम नहीं था। बाल्यकाल में जिस दिन वह, सागर आये वो उनके जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक दिन था।

महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को किया याद
महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को किया याद

मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां एक ओर हमारी यह रेजिमेंट विविधता में एकता की भावना का बोध कराती है वहीं इसका प्रत्येक सैनिक भारत की महान संस्कृति व गौरवशाली सैन्य परंपरा का एक उत्कृष्ट उदाहरण भी है। आज आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सेना के मान और सम्मान बढ़ा है। उन्होंने कहा कि आज हमारे वीर सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर जवाब दे रहे हैं। जब भी दुश्मन ने ललकारा है भारत ने उसे मुंह तोड़ जवाब देते हुए दिखा दिया है कि उसके पास ताकत भी है और उचित जवाब देने की राजनीतिक इच्छाशक्ति भी है। भारत वैश्विक मंचों पर पूरी दृढ़ता और अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए अपनी बात रख रहा है।

आज दुनिया ये जान रही है, समझ रही है कि यह देश अपने हितों से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करने वाला है। आज सेना के आधुनिकीकरण को भी एक नया आयाम दिया जा रहा है और डिफेंस सेक्टर को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन और उनके द्वारा सैनिकों को दिए जा रहे प्रोत्साहन के कारण ही आज हमारी सेना पहले से कई गुना अधिक सशक्त है और सीमाएं पहले से कहीं अधिक सुरक्षित हैं। सैनिकों द्वारा किए जाने वाले त्याग और उनकी राष्ट्र सेवा के ऋण को हम कभी नहीं चुका सकते।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सागर मध्य प्रदेश के सदर कैंट में महार रेजीमेंट के कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने महार रेजिमेंट के वॉर मेमोरियल में शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने वार मेमोरियल का अवलोकन किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री महार रेजीमेंट के सैन्य अधिकारियों एवं जवानों से भी मिले। मुख्यमंत्री ने महार रेजीमेंट सेंटर में वृक्षारोपण कर स्वर्गीय पिता को याद कर, भावुक हुए। पिता स्व. शेर सिंह धामी महार रेजीमेंट late father में दे चुके हैं देश को अपनी सेवाएं। उन्होंने कहा कि सेना हमारी रक्षक, हमारा मस्तक।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज वह सेना में तो नही हैं परन्तु वीर सैनिकों को अपना आदर्श मानकर राष्ट्र सेवा में अपना यथासंभव योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहें हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना के सैन्य कौशल और पराक्रम का इतिहास महार रेजिमेंट के बिना पूर्ण नहीं हो सकता। देश की पहली मशीनगन रेजीमेंट होने के साथ साथ देश को दो सेना प्रमुख देने का गौरव भी इस रेजिमेंट के साथ जुड़ा हुआ है। सीमाओं की सुरक्षा करने से लेकर युद्ध के मैदान तक महार रेजिमेंट का एक-एक सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देने के लिए हमेशा तत्पर रहा है। 1962 का युद्ध हो या 1971 का… हमारे वीर जवानों ने हमेशा अपनी वीरता का परिचय देते हुए दुश्मन को मात दी है।

मुख्यमंत्री ने ‘ऑपरेशन पवन’ के नायक रहे महार रेजिमेंट के अमर शहीद मेजर रामास्वामी परमेश्वरन तथा देश के भीतर आतंकियों से लोहा लेते हुए अमर बलिदान देने वाले सूबेदार मेजर सुरेश चंद यादव को नमन करते हुए कहा कि महार रेजिमेंट में ऐसे वीरों की लंबी श्रृंखला है, जिन्होंने मां भारती के यश को अक्षुण्ण रखने हेतु अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया और तिरंगे की आन-बान और शान को फीका नहीं पड़ने दिया। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्येक सैनिक की वीरता, साहस और बलिदान पर हर एक नागरिक को गर्व है। आप सभी हमारे आदर्श हैं और आपकी वीरता,साहस और अपराजेयता पर इस राष्ट्र को अभिमान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक आप सभी हैं, आपका ये हौंसला है, आपका ये त्याग और तपस्या है। कोई मां भारती के गौरव को हानि नहीं पहुंचा सकता। आप वीरों की कीर्ति गाथा के बारे में जितना भी बोलूं वो कम होगा। उन्होंने कहा कि आज के इस अवसर पर सभी वीर शहीदों के माता पिताओं को भी वह प्रणाम करते हैं जिन्होंने ऐसे वीर योद्धाओं को जन्म दिया और उनका पालन पोषण किया साथ ही वह उन सभी सैन्य परिवारों को भी नमन करते हैं, जिन्होंने स्वयं से पहले राष्ट्र सेवा को स्थान दिया।late father 

7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में स्वीडन में भारत के राजदूत/उच्चायुक्त श्री तन्मय लाल, ताजिकिस्तान में श्री विराज सिंह, पनामा में श्री उपेन्द्र सिंह रावत, ब्रूनेई में श्री आलोक अमिताभ डिमरी, केन्या में सुश्री नामग्या खम्पा, अल्जीरिया में श्री गौरव अहलूवालिया और स्लोवेनिया में श्रीमती नम्रता एस. कुमार के साथ “बिजनेस मीट“ कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर शासन के उच्चाधिकारियों के साथ विभिन्न उद्योगों से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग कर अपने विचार रखे।

मुख्य सचिव ने 7 देशों के मिशन प्रमुखों का उत्तराखण्ड में स्वागत करते हुए कहा कि यह आयोजन विदेश में भारत के हितों को बढ़ावा दिए जाने के लिए एक महत्त्वपूर्ण प्लेटफार्म साबित होगा। उन्होंने कहा कि भारतीय राजदूत और उच्चायुक्त इस सम्मेलन के माध्यम से उत्तराखण्ड द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी एक नया राज्य है, अपने 22 वर्षों के सफर में उत्तराखण्ड ने इंडस्ट्री फ्रेंडली माहौल तैयार किया है। हम उद्योग को देश में सबसे सस्ती बिजली उपलब्ध करवा रहे हैं। उत्तराखण्ड की लोकेशन इंडस्ट्री की दृष्टि से काफी महत्त्वपूर्ण है, जो राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से काफी करीब है। नए एक्सप्रेस-वे बन जाने के बाद दिल्ली से देहरादून की दूरी मात्र 2 घंटे की हो जायेगी, जो उत्तराखण्ड में पर्यटन और उद्योग की दृष्टि से काफी लाभप्रद होगी। इसके साथ ही, प्रदेश में हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र में अत्यधिक संभावनाऐं बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि हम हाई एंड टूरिस्ट को भी आकर्षित करने के प्रयास कर रहे हैं।

ऋषिकेश विश्वपटल पर इंटरनेशनल योगा कैपिटल के रूप में जाना जाता है, जो वैलनेस की दिशा में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता आ रहा है।मुख्य सचिव ने राजदूतों एवं उच्चायुक्तों के माध्यम से इन देशों के व्यापारिक समुदाय को उत्तराखंड में उद्यमियों के साथ सहयोग करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियमित संवाद स्थापित किया जाएगा। हम राज्य की प्रगति के लिए एवं निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए क्षेत्र-विशिष्ट नीतियां लेकर आ रहे हैं।late father

कुछ नीतियां जो पाइपलाइन में हैं, वे हैं लॉजिस्टिक्स पॉलिसी, सर्विस सेक्टर पॉलिसी, ड्रोन पॉलिसी, डिस्ट्रिक्ट वाइज स्टार्ट-अप स्ट्रैटेजी और ईवी पॉलिसी आदि, ये नीतियां इन सम्बन्धित क्षेत्रों को बढ़ावा देंगी और देश में कारोबारी माहौल में सुधार करेंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हर कदम पर निवेशकों को सहयोग प्रदान करने के लिए संकल्पित है। इस अवसर पर विभिन्न देशों में कार्य कर रहे राजदूतों ने सुझाव दिया कि राज्य के पर्वतीय अंचल के उत्पादों को राज्य की ओर से बढ़ावा दिया जाना चाहिए। राज्य के उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी मेनुफेक्चरिंग,ब्रांडिंग एवं पैकेजिंग की अच्छी व्यवस्था हो।

बैठक में सुझाव दिया गया कि उत्तराखंड को योग और वेलनेस टूरिज्म के रूप में वैश्विक स्तर पर तेजी से उभारा जा सकता है। उत्तराखंड योग की भूमि रही है। यहां से प्रशिक्षण लेकर विभिन्न देशों में लोग योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं। अधिक से अधिक लोग राज्य में योग का प्रशिक्षण ले सकें, इसकी राज्य में अच्छी व्यवस्था की जा सकती है। राज्य में अपने प्रवास के दौरान, राजदूत एवं हाई कमिश्नर राज्य में निवेश के विभिन्न अवसरों पर चर्चा करेंगे और राज्य से निर्यात को बढ़ावा देंगे। राजदूत आकांक्षी जनपद हरिद्वार का भी दौरा करेंगे, जहां ओडीओपी (एक जिला, एक उत्पाद) की जानकारी साझा की जाएगी।

सचिव उद्योग डॉ. पंकज कुमार पांडे ने सभी विशिष्ट और सम्माननीय अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि राज्य सरकार पर्याप्त बुनियादी ढांचा बनाने और उद्योगों के अनुकूल वातावरण तैयार करने की दिशा में लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में उभरते क्षेत्रों में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस संगोष्ठी में विशेषज्ञों, संगठनों, स्टार्ट-अप्स, उद्योग संघों और निवेशकों द्वारा अपने अनुभव और सुझाव साझा किये जायेंगे। उत्तराखण्ड निवेश गंतव्य और निर्यात में अग्रणी राज्यों में शामिल हो, यह हमारा प्रयास है। उत्तराखण्ड प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध है। राज्य पहले से ही जिंक और जिंक उत्पाद, ऑटोमोबाइल, ऑटो कंपोनेंट्स, फार्मास्युटिकल उत्पाद, उद्योगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले रसायन, प्लास्टिक और प्लास्टिक उत्पाद, सेब, चावल, आम, बाजरा आदि कृषि आदि उत्पादों का निर्यात कर रहा है।

सचिव कृषि श्री वी.वी.आर.सी. पुरूषोतम ने राज्य में कृषि एवं बागवानी के क्षेत्र में निवेश की सम्भावनाओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राज्य में फूड पार्क, एरोमेटिक आयल हर्ब, स्पाइस, हिमालयन गोट मीट, हिमालयन हर्ड चीज, बद्री गाय घी की बड़ी मांग है।महानिदेशक उद्योग श्री रोहित मीणा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में उद्योगों की स्थिति एवं निवेश से सम्बन्धित संभावनाओं एवं उद्योगों के हित में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन विकास परिषद पूजा गर्ब्याल ने प्रदेश में पर्यटन से सम्बन्धित गतिविधियों की जानकारी दी।

सचिव वित्त श्री आर.मीनाक्षी सुन्दरम ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड निवेश के क्षेत्र में संभावनाओं का प्रदेश है। उन्होंने कहा कि राज्य में उद्यमियों एवं निवेशकों के सहयोग के लिये नोडल अधिकारी तैनात किये जायेंगे। विभिन्न क्षेत्रों के लिये निर्धारित की गई नीतियों के प्रति आकर्षित होने वाले उद्यमियों एवं निवेशकों को सुविधा हो सके।

समीक्षा के संबंध में समस्त जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से सोमवार को सचिवालय में विडीयों कॉन्फ्रसिंग

राज्य में कानून-व्यवस्था की समीक्षा के संबंध में समस्त जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों से सोमवार को सचिवालय में विडीयों कॉन्फ्रसिंग के माध्यम से बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने पुलिस-प्रशासन में हर स्तर पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के कड़े निर्देश दिए। उच्च अधिकारियों को अधीनस्थ स्तर के प्रभावी सुपरविजन के निर्देश दिए गए हैं। आगामी त्यौहारों के दृष्टिगत अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने सभी जिलाधिकारियों तथा पुलिस अधीक्षकों को अपराधिक तत्वों पर निगरानी, शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था मजबूत करने, पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था करने, संभावित आगजनी की घटनाएं रोकने, पटाखों की बिक्री के दौरान एसओपी, एनजीटी तथा माननीय न्यायालय के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। एसीएस ने आगामी त्यौहारों को देखते हुए पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था हेतु खाली पड़े स्थानों में पार्किंग की व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए।

उन्होंने जिलों में समस्त पुलिस अधीक्षकों को पीक टाइम में शाम को 6 बजे से 10 बजे के बीच पुलिस अधिकारियों को फील्ड में तैनात रहने को कहा है। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने संभावित आगजनी की घटनाओं के नियंत्रण हेतु फायर ब्रिगेड के साथ ही एसडीआरएफ की मदद लेने के निर्देश दिए हैं। बैठक में डीजीपी श्री अशोक कुमार ने अपराधिक घटनाओं पर प्रभावी रोक हेतु जिलों के पुलिस अधीक्षकों को बेसिक ड्रिल, डॉग स्कॉयड, एटीएस टीम, बीडीएस टीम के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने कहा कि रेवन्यू पुलिस के कार्यों का हस्तान्तरण रेगुलर पुलिस को प्रथम चरण में अगले छः माह में 6 थानों और 20 चौकीयों में सुनिश्चित कर दिया जाएगा। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को इस सम्बन्ध में जल्द से जल्द विस्तृत प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। एसीएस ने इस दिशा में प्रशासन को प्रो-एक्टिव मोड पर कार्य करने को कहा है।

जिलों में एण्टी नारकोटिक्स टास्क फोर्स को मजबूत करने हेतु श्रीमती रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को प्रत्येक माह नियमित बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राज्य में ड्रग्स फ्री देवभूमि 2025 मिशन को सफल बनाने हेतु जनजागरूकता अभियान चलाना,  नशामुक्ति के क्षेत्र में प्रभावी काम वाले एनजीओं को प्रोत्साहित करना तथा स्कूल कॉलेजों में पैरेन्टस-टीचर्स बैठके आयोजित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा युवाओं को नशे से दूर रखने में पुलिस के अतिरिक्त शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन के साझे प्रयासों की जरूरत है।

https://youtu.be/cnSTysgt76M

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