Meditation Sadhana | प्रणायाम योग हमारे मन-मस्तिष्क और आत्मा (योग, ध्यान, साधना) प्रदान करती है शांति
- भारत में योग, साधना, संस्कृति का आपस में बेजोड़ संबंध
- अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के चौथे दिन राज्यपाल ने किया प्रतिभाग।
- योग, ध्यान, साधना के क्षेत्र में ऋषिकेश का है विशिष्ट स्थान।
- पूरी दुनिया तक जाए योग महोत्सव की गूंज- राज्यपाल।
देहरादून: भारत में योग, साधना, संस्कृति का आपस में बेजोड़ संबंध है संस्कृत शब्द का अर्थ ‘सांसों के कृत’ है, यानी कि प्रणायाम के दौरान जब संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते हैं तो हमारे मन मस्तिष्क और आत्मा को शांति प्रदान होती है। Meditation Sadhana
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ज्ञातव्य हो कि ऋषिकेश मुनि की रेती स्थित गंगा रिजॉर्ट में आयोजित सात दिवसीय ‘अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव’ के चौथे दिन शनिवार सुबह राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) ने बतौर मुख्य अतिथि प्रथम सत्र में प्रतिभाग किया। इस दौरान उन्होंने प्रथम सत्र में आयोजित योग कक्षाओं का भी निरीक्षण किया एवं योग प्रशिक्षकों से विभिन्न आसनों की जानकारी प्राप्त की।
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Pranayama Yoga | प्रणायाम योग हमारे मन-मस्तिष्क और आत्मा (योग, ध्यान, साधना) प्रदान करती है शांति
राज्यपाल ने अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 के आयोजन हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज समेत पर्यटन विभाग को इस आयोजन की बधाई देते हुए कहा कि इस योग महोत्सव की गूंज पूरे विश्व तक जानी चाहिए।
राज्यपाल ने कहा कि ऋषिकेश इस दुनिया में योग, ध्यान, साधना के क्षेत्र में विशिष्ट स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि योग मन, मस्तिष्क और आत्मा को जोड़ता है। राज्यपाल ने कहा कि आज पूरी दुनिया में योग एक विशिष्ट स्थान रखता है। Meditation Sadhana
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जब पूरी दुनिया इस रोग से ग्रसित थी तब योग एवं प्रणायाम ने ना सिर्फ़ मानव प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम किया बल्कि लोगों को आत्मबल भी दिया। उन्होंने कहा कि योग से मनुष्य को ना सिर्फ़ शारीरिक रूप से मजबूती मिलती है बल्कि इससे मानसिक रूप से भी शांति मिलती है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत में योग, साधना, संस्कृति का आपस में बेजोड़ संबंध है उन्होंने कहा कि संस्कृत शब्द का अर्थ सांसों के कृत है, यानी कि प्रणायाम के दौरान जब संस्कृत के शब्दों का प्रयोग करते हैं तो हमारे मन मस्तिष्क और आत्मा को शांति प्रदान होती है। राज्यपाल ने पर्यटन विभाग को योग महोत्सव का सोशल मीडिया के जरिए व्यापक प्रचार प्रसार करने करने के भी निर्देश दिए।
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राज्यपाल ने कहा कि आज भारत हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है जहां एक ओर भारत जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है वही भारत के अनुरोध पर यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है उन्होंने कहा कि भारत योग की शक्ति का प्रमाण पूरा विश्व देख चुका है इसीलिए भारत के अनुरोध पर हर वर्ष 21 जून को विश्व योगा दिवस मनाया जाता है। Meditation Sadhana
सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे ने राज्यपाल को आयोजन संबंधी विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान योग विशेषज्ञ दिलराज प्रीत कौर एवं डॉ. प्रिया अहूजा ने विभिन्न योगासनों की प्रस्तुति दी। इस दौरान पद्मश्री डॉ. रजनीकांत, उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुनील जोशी समेत बड़ी संख्या में योग साधक मौजूद रहे। Meditation Sadhana