Millets | Principal of IHM Dehradun Dr Jagdeep Khanna | आइएचएम देहरादून के प्रधानाचार्य डॉ जगदीप खन्ना
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में आइएचएम देहरादून के प्रधानाचार्य डॉ0 जगदीप खन्ना ने शिष्टाचार मुलाकात की। उन्होंने राज्यपाल को संस्थान के क्रिया-कलापों और गतिविधियों की जानकारी दी।
राज्यपाल ने हाल में ही सम्पन्न हुए वसंतोत्सव में आइएचएम द्वारा लगाए गए मिलेट्स (Millets) पर आधारित फूड कोर्ट की सराहना की। उन्होंने कहा की उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाले पारंपरिक मोटा अनाज ‘‘मिलेट्स’’ पौष्टिकता से भरपूर होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद भी हैं।
राज्यपाल ने कहा कि कोरोना के बाद सभी लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गए हैं और वे मिलेट्स को अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में मिलेट्स अनाज के उत्पादन की अच्छी संभावनाएं हैं, इसे आगे बढ़ाने के विशेष प्रयास किये जाने चाहिए।
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उन्होंने कहा कि यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। G-20 में मिलेट्स (Millets) को प्रदर्शित करने का सुनहरा अवसर भी हमारे पास होगा।
राजभवन उत्तराखण्ड में मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खियां द्वारा 41 किलोग्राम शहद प्राप्त
राजभवन में रखे गए मधुमक्खियों के बक्सों से शहद निकाला गया। इस वर्ष प्रथम चरण में 8 बक्सों से लगभग 41 किलोग्राम शहद प्राप्त हुआ। यह बॉक्स पुष्प प्रदर्शनी के दौरान राजभवन में लगाए गए थे। राजभवन में मेलीफेरा प्रजाति की मधुमक्खियां रखी गई है।
उल्लेखनीय है कि राजभवन में उत्पादित शहद राज्यपाल द्वारा प्रतिवर्ष देशभर के अतिविशिष्ट महानुभावों को उत्तराखण्ड की ओर से उपहार स्वरूप भेंट किया जाता है।
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने हनी बी प्रोसेसिंग (शहद निकालने की प्रक्रिया) का अवलोकन किया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि मौन पालन राज्य में लोगों को आर्थिक समृद्ध बनाने में सहायक होगा। आने वाले समय में उत्तराखण्ड, शहद में उत्पादित शहद विश्व भर में एक अलग पहचान बनाएगा। यहां के शहद की एक अलग ब्रांड स्थापित होगी।
उन्होंने कहा कि पर्यटन की दृष्टि से आकर्षण का केंद्र होने के साथ-साथ यहां पर मधुमक्खी पालन को भी ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित किया जाना आवश्यक है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में कृषि भूमि कम है तथा जोते छोटी है। यहां पर मधुमक्खी पालन का व्यवसाय लोगों के लिए बेहद लाभकारी होगा। मधुमक्खी पालन छोटे किसान तथा भूमिहीन लोग भी कर सकते हैं।
G20 Millets
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को प्रकृति ने औषधीय पौधों, एरोमेटिक पौधों, जैविक तथा प्राकृतिक खेती के रूप में अमूल्य उपहार दिये है। इस अवसर पर प्रथम महिला गुरमीत कौर, उद्यान अधिकारी दीपक पुरोहित, नेशनल बी बोर्ड सदस्य अजय सैनी आदि उपस्थित रहे।