Murga Face Benefits | मुर्गी की विष्टा दिलायेगी उत्तराखण्ड के बच्चों, औरतों एवं पुरूषों को प्रोटीन कुपोषण से मुक्ति
मुर्गी की विष्टा से प्रोटीन कुपोषण से मुक्ति होगा उत्तराखण्ड में बच्चे, औरते एवं पुरूष में प्रोटीन कुपोषण से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका मुर्गी के विष्टा से भूमि उपजाऊ होती है।
भारत सरकार द्वारा संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं का विवरण
- राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान योजना।
- लिंग वर्गीकृत वीर्य योजना।
- नेशनल डिजिटल लाईवस्टॉक मिशन।
- पशुधन बीमा योजना।
- प्राईवेट कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता प्रशिक्षण एवं केन्द्र स्थापना योजना।
- पशु प्रजनन फार्म कालसी पर सेन्टर आफ एक्सीलेंस, भ्रूण प्रत्यारोपण लैब एवं प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना।
- अतिहिमीकृत वीर्य उत्पादन केन्द्र का सुदृढ़ीकरण।
- हीफर रियरिंग फार्म की स्थापना।
- पशु प्रजनन प्रक्षेत्र, नरियालगांव, चम्पावत में बद्री गाय संरक्षण हेतु फार्म का सुदृढ़ीकरण एवं पशुपालक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना।
विभिन्न योजनाओं का आम आदमी लाभ ले सकता है
मदर पोल्ट्री की स्थापना
राज्य सैक्टर योजनान्तर्गत कुक्कुट विकास हेतु वैली की स्थापना हेतु रूपये 3 करोड़ एवं मदर पोल्ट्री की स्थापना हेतु रूपये 2 करोड़ कुल रूपये 5 करोड़ शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया। बैकयार्ड कुक्कुट पालन हेतु बहुत कम जमीन श्रम एवं पूंजी की आवश्यकता होती है। एक मुर्गी को एक वर्ग फीट जगह की आवश्यकता होती है। घर के पीछे खाली जगह पर मुर्गी बाड़ा बना सकते है। यह गांव के लोगों को फसल की बर्बादी या अन्य आपात स्थितियों में अतिरिक्त आय प्रदान कर जीने की सुरक्षा देती है। बच्चों, औरतों एवं पुरूष में प्रोटीन कुपोषण से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। मुर्गी के विष्टा से भूमि उपजाऊ होती है।
रोजगार सृजन हेतु कुक्कुट योजना राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों के लिए मील का पत्थर साबित होगी। कुक्कुट पालकों का ब्रायलर एवं लेयर प्रजाति के पक्षियों को पालने हेतु काफी रूचि देखी गयी है जिसके लिये व्यावसायिक ब्रायलर एवं लेयर कुक्कुट प्रक्षेत्रों की क्लस्टर दृष्टिकोण के तहत पोल्ट्री वैली की स्थापना की जायेगी। ब्रायलर एवं लेयर फार्म की स्थापना उद्यमिता विकास हेतु पोल्ट्री वैली के रूप में राज्य के सभी जनपदों मे किया जाना प्रस्तावित है। पोल्ट्री वैली की स्थापना का लक्ष्य रोजगार सृजन की दिशा में बढती जनसंख्या को प्रोटीन युक्त भोजन की आवश्यकता के उद्देश्य को पूरा करना है।
मोबाईल वेटरिनरी यूनिट- पशुपालकों को उनके द्वार अथवा निकटवत पहुॅच स्थान पर आधुनिक तकनीकी की चिकित्सा आदि की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु भारत सरकार की शत-प्रतिशत सहायता से 60 मोबाईल वेटरिनरी यूनिट (वैन) को क्रय कर फेब्रिकेशन सुसजित यूनिटों को 90ः10 के अनुपात पर पी.पी.पी. मोड पर चलाया जायेगा, जिससे रोग नियन्त्रण हेतु विभागीय सुविधा की पहुॅच सुलभ होने से पशुपालकों को त्वरित लाभ मिल सकेगा। पशुपालकों की सुविधा हेतु विभागीय ब्ंसस ब्मदजतम की सुविधा भी उपलब्ध करायी जा रही है। माह नवम्बर, 2022 तक उक्त योजना का संचालन 60 विकासखण्डों में किया जाना प्रस्तावित है।
चारा विकास निति 2022-2027
प्रदेश में 17 प्रतिशत सूखा चारा एवं 32 प्रतिशत हरा चारा की कमी को पूरा करने हेतु चारा विकास नीति 2022-27 प्रस्तावित की गयी है, जिसकी प्रगति गतिमान है।
कृत्रिम गर्भाधान हेतु बायफ केन्द्रों का संचालन
आजीविकि संवर्धन के लिए उन्नत नस्ल के पशु उत्पादित करना एवं पशुपालकों के लिये रोजगार, आय और पोषण सुरक्षा सुगम करना। वंचित और सामाजिक रूप से पिछडे़ तथा निर्धन परिवारों को लाभ पहुॅचना। रोजगार सृजन और लघु डेयरी उद्यम को बढावा देना। राज्य सैक्टर योजनान्तर्गत बायफ केन्दों की स्थापना हेतु रूपये 2 करोड़ शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया गया।
बकरी पालन योजना
बकरी पालन राज्य सैक्टर योजनान्तर्गत सामान्य, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के SECC वर्ग के व्यक्तियों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने एवं पशुपालन को स्वरोजगार के रूप में आकर्षित करने के उद्देश्य से बकरी पालन की योजना संचालित की जा रही है, जिसमें बकरी पालन योजनान्तर्गत 10 मादा एवं 01 नर तथा इच्छुक पशुपालक से प्रति इकाई कुल लागत का 10 प्रतिशत अंश लिया जायेगा तथा 90 प्रतिशत अंश अनुदान के रूप में राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाता है।