Nationalist Union of Journalists | उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों ने वरिष्ठ पत्रकार स्वराज पाल एवं दयाशंकर पाण्डे को प्रदेश कार्यकारिणी में किया सदस्य नामित
हरिद्वार/हरिद्वार। उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्ट (Nationalist Union of Journalists) ने वरिष्ठ पत्रकार स्वराज पाल एवं दयाशंकर पाण्डे को प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य नामित किया है।
स्वराजपाल राजगंगा न्यूज चैनल के कुमाऊँ हेड हैं जबकि दयाशंकर पाण्डे प्रतिष्ठित तरूण हिंद अखबार के संपादक हैं। यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट एवं महासचिव सुनील मेहता ने उनके नामन की घोषणा करते हुए कहा है कि पत्रकार हितों के प्रति दोनांे युवा पत्रकारों की समर्पण भावना और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनकी रचनात्मक सक्रियता के दृष्टिगत उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है।
उन्होंने कहा कि दोनों युवा पत्रकार साथियों के अनुभव का लाभ संगठन को मिलेगा और यूनियन अधिक उर्जा व सक्रियता के साथ कार्य कर सकेगी।
प्रदेश कार्यकारिणी में नामित होने पर स्वराज पाल ने कहा कि वे पत्रकारों के कल्याण और उनके हितों के संरक्षण (Nationalist Union of Journalists) के लिए सदैव सक्रिय रहते हुए नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की सशक्तता के लिए कार्य करते रहेंगे।
वहीं दशाशंकर पाण्डे ने कहा कि नेशनलिस्ट यूनियन और जर्नलिस्ट्स (Nationalist Union of Journalists) जिस विशिष्ट कार्यशैली और उर्जा के साथ उत्तराखण्ड में पत्रकारों के हितों के चिंतन कर आगे बढ़ रही है, उसने उन्हें काफी प्रभावित किया है।
Nationalist Union of Journalists
श्री पांडे ने कहा कि वे हर संकट में पत्रकारों के साथ खडे़ हैं। स्वराजपाल एवं दयाशंकर पाण्डे के प्रदेश कार्यकारिणी में नामित होने पर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, महासचिव सुनील मेहता सहित उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह एवं संदीप पांडे, सचिव हरपाल सिंह एवं गोपाल गुरूरानी, संगठनमंत्री गिरीश बिष्ट एवं जगदीश उपाध्याय, प्रचार मंत्री पुष्पेंद्र राणा एवं हयात राम आर्य, कोषाध्यक्ष शर्शि शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य जोधसिंह रावत, धर्मानन्द खोलिया, कैलाश चन्द्र भट्ट, धनसिंह बिष्ट, सुनील शर्मा, अरूण कुमार मोगा, कुलदीप सिंह, राजकुमार केसरवानी के अलावा चंपावत के जिलाध्यक्ष जगदीश राय, अल्मोड़ा के अध्यक्ष दरवान सिंह रावत, बागेश्वर के अध्यक्ष कालिका रावल, उधमसिंहनगर के अध्यक्ष भूपेश छिमवाल, नैनीताल की जिलाध्यक्ष दया जोशी, हरिद्वार के अध्यक्ष प्रमोद पाल, चमोली के अध्यक्ष डॉ. अवतार सिंह नेगी आदि ने शुभकामनाएं और बधाई दी है।
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ग्राम्य विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना
कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत उत्तराखंड को 23 करोड़ 28 लाख 60 हजार 200 रुपए की राशि निर्गत की गई है।
उत्तराखंड को ये राशि सामान्य श्रेणी में द्वितीय किश्त में 3935 पीकेवीवाई क्लस्टर के साथ ही आकांक्षी जिलों के 10 कलस्टर में परंपरागत कृषि विकास योजना के क्रियान्वयन के लिए निर्गत की गई है।
ग्राम्य विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत उत्तराखंड को वित्तीय इंसेंटिव के रूप में 34 करोड़ 66 लाख की राशि स्वीकृत की गई है। ये राशि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत पहले से निर्मित सड़कों के रखरखाव पर खर्च की जा सकेगी।
वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय व्ययक की वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत
सचिव वित्त श्री दिलीप जावलकर द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय व्ययक की वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत किए जाने के संबंध में शासन के उच्च अधिकारियों के साथ सभी विभागाध्यक्ष एवं वित्त नियंत्रकों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
उन्होंने कहा है कि वित्तीय विकेंद्रीकरण पर विशेष ध्यान देते हुए मा. विधानसभा द्वारा पारण एवं मा. राज्यपाल की स्वीकृति के उपरान्त “उत्तराखण्ड विनियोग अधिनियम, 2023 प्रख्यापित किया जा चुका है जिसके अनुसार वित्तीय वर्ष 2023-24 के आय-व्ययक हेतु कुल रू. 77,407.08 करोड़ की मांगे अनुदानवार स्वीकृत हुई हैं। उक्त धनराशि के सदुपयोग हेतु दिशानिर्देश संबंधी शासनादेश भी वित्त अनुभाग-1 के स्तर से दिनांक 31.3.2023 को निर्गत कर दिया गया है।
जारी निर्देशों में स्पष्ट किया गया है कि प्रावधानित धनराशि के समय पर सदुपयोग हेतु प्रक्रिया के सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारीकरण पर बल दिया गया है। वित्त विभाग द्वारा अधिकांश धनराशि का प्रशासकीय विभागों एवं विभागाध्यक्षों के स्तर पर विकेन्द्रीकरण कर दिया गया है एवं तदनुसार उनके स्तर से प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृतियां निर्गत की जा सकेंगी।
जिला योजना, केन्द्रपोषित योजनाओं तथा वाह्य पोषित योजनाओं में समस्त स्वीकृतियां प्रशासकीय विभागों द्वारा ही निर्गत की जानी हैं। रु. 20 लाख से अधिक लागत के नए निर्माण कार्यों की ही स्वीकृतियां वित्त विभाग की पूर्व सहमति से जारी की जाएंगी एवं तदोपरान्त चालू निर्माण कार्यों में धनराशि प्रशासकीय विभागों के स्तर से अवमुक्त कर दी जाएगी।
रू. 20 लाख तक की सीमा के लघु निर्माण कार्यों की स्वीकृति हेतु संबंधित विभागाध्यक्षों को अधिकृत किया गया है। लघु कार्यों में कुल बजट प्रावधान का कम से कम 10 प्रतिशत धनराशि दिव्यांगजनों के कल्याण व सुगम्यता सुनिश्चित किये जाने से सम्बन्धित कार्यों में व्यय किये जायेंगे। रु. 50.00 लाख से कम लागत की परियोजना हेतु धनराशि एक किश्व में रु. 50.00 लाख से रू. 2.00 करोड़ की परियोजना हेतु 60. व 40 प्रतिशत की दो किस्तों में तथा रू. 2.00 करोड़ की लागत से अधिक धनराशि की परियोजनाओं हेतु 40-40-20 प्रतिशत की तीन किश्तों में धनराशि अवमुक्त की जाएगी। एस.ए.एस (Scheme for Special Assistance to State for Capital Investment) के अन्तर्गत निर्माण कार्यो की गुणवत्ता सुनिश्चित किए जाने हेतु नियोजन विभाग द्वारा नामित संस्थाओं से तृतीय पक्ष गुणवत्ता नियंत्रण जांच कराई जाएगी एवं जांच रिपोर्ट के आधार पर अनुपालनात्मक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
नाबार्ड द्वारा अनुमोदित कार्यों हेतु अवमुक्त मोबिलाइजेशन अग्रिम धनराशि वित्त विभाग की सहमति से निर्गत की जाएगी। तदोपरान्त प्रशासकीय विभाग कार्य की प्रगति के आधार पर बजट प्रावधान की सीमा के अन्तर्गत धनराशि अपने स्तर से निर्गत करेंगे एवं व्यय की गई धनराशि के बीजक ससमय नाबार्ड को प्रतिपूर्ति हेतु उपलब् कराएंगे।
किन्तु धनराशि अधिकतम तीन चरणों में स्वीकृत कर कार को समयबद्ध अवधि में पूर्ण कराया जाना होगा। विभागों एवं कोषागारों द्वारा आहरण / वितरण की प्रक्रिया को ओ अधिक पेपरलैस बनाए जाने का प्रयास भी किया गया है।