खनन मामले में बर्खास्त पीआरओ नंदन की फिर हुई नियुक्ति

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट की फिर से पद पर वापसी कर दी गई है। उन्हें अवैध खनन के मामले में सिफारिश करने पर पद से दिसंबर माह में बर्खास्त कर दिया गया था। अब एक बार फिर उनकी उसी पद पर गुपचुक तरीके से वापसी कर दी गई है। ऐसे में विपक्ष को सीएम पर हमला करने का और अधिक मौका मिल गया है। कारण ये है कि विपक्ष सीएम को खनन प्रेमी कहकर कटघरे में खड़ा करता रहा है।
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बता दें कि दिसंबर माह में नंदन सिंह बिष्ट का एक पत्र सोशल मीडिया में वायरल हुआ था। इस पत्र में बागेश्वर के पुलिस कप्तान को तीन वाहनों के चालान निरस्त करने का आदेश दिया गया था। इस पत्र में मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देश होना बताया गया था। आठ दिसंबर के इस पत्र में लिखा गया है कि मुख्यमंत्री के मौखिक निर्देशानुसार 29 नवंबर को बागेश्वर यातायात पुलिस ने वाहन संख्या यूके02सीए, 0238, यूके02सीए, 1238 और यूके04सीए 5907 के चालन निरस्त करने का कष्ट करें। इसकी प्रतिलिपि संभागीय परिवहन अधिकारी बागेश्वर को भी सूचनार्थ भेजी गई है। इंटरनेट मीडिया पर पत्र वायरल होने पर विपक्ष ने कड़ी प्रतिक्रिया भी दी थी।

इसके बाद उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने जनसंपर्क अधिकारी नंदन सिंह बिष्ट को बर्खास्त कर दिया था। साथ ही इस मामले में सीएम ने जांच के आदेश भी दिए थे। अब उनकी फिर से इस पद पर वापसी कर दी गई है। इस संबंध में सचिव प्रभारी विनोद कुमार सुमन की ओर से आदेश जारी किए गए हैं। छह जनवरी के इस पत्र में कहा गया है कि 20 सितंबर 2021 के आदेश से जन संपर्क अधिकारी के सॉजित पद के सापेक्ष नंदन सिंह बिष्ट को मुख्यमंत्री के जन संपर्क अधिकारी के एक अस्थायी निःसंवर्गीय (कोटर्मिनस) पद वेतनमान रुपये 56100-177500 में दिनांक 11 दिसंबर से 28 फरवरी तक मुख्यमंत्री की स्वेच्छा अथवा उनके कार्यालय, जो भी पहले हो, बशर्ते कि यह पद उक्त अवधि पूर्व समाप्त न कर दिया जाए, पर नियुक्ति प्रदान करने की राज्यपाल की स्वीकृति प्रदान हो गई है।
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कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घेरा, कहा साबित हुआ खनन प्रेम
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष व सलाहकार सुरेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का खनन प्रेमी होना एक बार फिर साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि जिस पीआरओ को अवैध खनन के ट्रक को छुड़ाने में उनका पत्र वाईरल हुआ था, उसको अचार संहिता से कुछ समय पूर्व गुपचुप बहाल करने से मुख्यमंत्री धामी का खनन प्रेम जग जाहिर हो गया है। यह आरोप उच्च नयायलय मे भी लगाए गए हैं। अवैध खनन में कोटद्वार में भी भाजापा के एक नेता की संलिपत्ता पर कोर्ट ने टिप्पणी की है। वहीं एक मंत्री ने भी एक अधिकारी पर अवैध खनन में लिप्त होने का आरोप सार्वजनिक रूप से लगाया था।
उन्होंने कहा कि ट्रक छुड़वाने के लिए हटाये गए सीएम के पीआरओ की आचार संहिता से पहले ही चुपचाप बहाली से सवाल उठता है कि ऐसे पीआरओ से इतना क्या मोह है कि सीएम ने उन्हें एक बार फिर पीआरओ बना दिया। वो भीआचार संहिता से 2 दिन पहले इसके आदेश जारी किए गए। ये आदेश भी आचार संहिता के बाद बाहर निकले हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है आचार संहिता में आखिर कौन सा सरकारी काम नंदन सिंह बिष्ट ने करना है। उन्होंने कहा कि भाजापा सरकार को खनन व शराब माफिया चला रहे हैं ।


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