Rishikesh-Karnprayag rail line work | 37 प्रतिशत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्य पूरा हो चुका, 8 टनल का कार्य पूर्ण , 17 का निर्माण अभी भी बाकी
Dehradun : 37 प्रतिशत ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्य (Rishikesh-Karnprayag rail line work) पूरा हो चुका – बुधवार को राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) के समक्ष राजभवन सचिवालय में आरवीएनएल (रेल विकास निगम लिमिटेड) के चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर अजीत सिंह यादव व जनरल मैनेजर भूपेन्द्र सिंह ने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों का प्रस्तुतिकरण दिया।
उन्होंने ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन के कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी पीपीटी के माध्यम से उपलब्ध करायी।
अधिकारियों ने बताया की 125 किलोमीटर की लम्बाई वाली इस रेल लाइन में कुल 12 रेलवे स्टेशन हैं। रेल लाइन में 17 मेन टनल का निर्माण किया जाना है, जिसमें से 8 टनल का कार्य पूर्ण हो गया है। उन्होंने अवगत कराया कि अभी तक 37 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना में अत्याधुनिक तकनीकों व मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है और सुरक्षा मानकों का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
राज्यपाल ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन बहुप्रतिक्षित परियोजना है जो उत्तराखण्ड प्रदेश के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आरवीएनएल के अधिकारियों और इस परियोजना में कार्य कर रहे सभी लोगों की प्रशंसा की और कहा कि वे सभी दिन रात कार्य कर रहे हैं।
पहाड़ी क्षेत्रों में विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद इस परियोजना में तेजी से कार्य चल रहा है। उन्होंने कहा इस रेल लाइन के बनने से जहां बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम का सफर सुगम हो जाएगा वहीं पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा जिस तरह इस परियोजना में आधुनिक तकनीकों की सहायता से कार्य किया जा रहा है वह सराहनीय है।
राज्यपाल ने अधिकारियों से कहा कि इस परियोजना में राज्य सरकार के स्तर से कोई भी सहायता या मदद की जरूरत हो उसे प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। उन्होंने इस परियोजना में आ रही चुनौतियों व समस्याओं के लिए भी हर संभव समाधान करने का आश्वासन दिया। Rishikesh-Karnprayag rail line work
3 से 5 मार्च तक आयोजित होने वाले वसन्तोत्सव-2023 की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक
वही मंगलवार को राजभवन सचिवालय में सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन ने 3 से 5 मार्च तक आयोजित होने वाले वसन्तोत्सव-2023 की तैयारियों के संबंध में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने निर्देश दिये कि सभी आवश्यक तैयारियां एवं व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाय। बैठक में निर्णय लिया गया कि वसन्तोत्सव में भारी संख्या में लोगों का आवागमन होता है, इसलिए सुरक्षा के दृष्टिगत आगन्तुकों के बैग प्रतिबन्धित रहेंगे।
इस दौरान पॉलिथीन भी प्रतिबन्धित रहेगी। सचिव ने वसन्तोत्सव के दौरान लगने वाले स्टॉलों आदि की व्यवस्था समय से पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने पुष्प प्रदर्शनी के दौरान विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों हेतु समुचित व्यवस्थाएं बनाने के निर्देश दिये। पुष्प प्रदर्शनी के दौरान ट्रैफिक व पार्किंग की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश भी दिये।
सचिव श्री राज्यपाल ने पुष्प प्रदर्शनी के दौरान राजभवन परिसर में साफ-सफाई और पर्याप्त मात्रा में कूड़े-दान की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। वसन्तोत्सव में आने वाले आगन्तुकों हेतु पीने के पानी की समुचित व्यवस्था सहित मोबाईल टॉयलेट आदि की व्यवस्था समय से पूर्ण करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।
वसन्तोत्सव के दौरान आयोजित किये जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए संस्कृति विभाग से आवश्यक समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिये। सचिव ने कहा कि यह वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स दिवस के रूप में मनाया जा रहा है, इसके लिए हमें अधिक से अधिक मिलेट्स फसलों को प्रचारित करने पर विशेष फोकस करना होगा।
गौरतलब है कि वसन्तोत्सव-2023 दिनांक 03 मार्च से 05 मार्च तक आयोजित हो रहा है। 03 मार्च को वसन्तोत्सव का उद्घाटन राज्यपाल लफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) द्वारा प्रातः 11ः00 बजे किया जायेगा। 03 मार्च को दोपहर 1.00 बजे से सायं 6.00 बजे तक तथा 04 व 05 मार्च को प्रातः 09 बजे से सायं 6.00 बजे तक पुष्प प्रदर्शनी जनसामान्य के लिए खुली रहेगी।
3 दिवसीय आयोजन में 16 मुख्य प्रतियोगिताओं की श्रेणी में कुल 62 उप श्रेणी हैं, जिनमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जाएंगे। इस प्रकार कुल 186 पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त दिनांक 05 मार्च, 2023 को विजेताओं को प्रदान किये जाएंगे।
इस वर्ष प्रतियोगिता में पहली बार 04 नई श्रेणियां यथा-रूफटॉप गार्डनिंग, बोन्साई, टेरारियम एवं शहद सम्मिलित की गयी हैं। साथ ही अधिक से अधिक पुष्प उत्पादकों को पुरस्कृत करने के उद्देश्य से कट फ्लावर प्रतियोगिता के अन्तर्गत मात्र व्यक्तिगत एवं कृषकों की ही प्रतिभागिता सुनिश्चित की जायेगी। इस वर्ष तिमरू (Zthoxylum armatu) को विशेष डाक आवरण जारी किये जाने हेतु चयनित किया गया है।
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इस तीन दिवसीय आयोजन में राज्य के लगभग 30 विभागों द्वारा प्रतिभाग किया जायेगा, जिसमें उद्यान विभाग के अतिरिक्त विभिन्न शोध संस्थान/कृषि विश्वविद्यालय/बोर्ड/निगम आदि प्रमुख होंगे। इन विभागों/संस्थानों द्वारा आयोजन में अपना स्टॉल लगाकर अपने विभाग के जनोपयोगी कार्यक्रमों/तकनीकियों का उत्कृष्टता के आधार पर प्रदर्शन किया जायेगा। इस दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे। Rishikesh-Karnprayag rail line work