होली के दिन बलि देने केलिए एक व्यक्ति ने सात साल की बच्ची का अपहरण कर लिया। ऐसा उसने तांत्रिक के कहने से किया। अपहरण की ये वारदात दिल्ली से सटे नोएडा के सेक्टर 63 में हुई। पुलिस के मुताबिक जल्द शादी कराने के लिए व्यक्ति तांत्रिक के झांसे में आ गया। पुलिस की सक्रियता के कारण बलि देने के लिए अगवा की गई बच्ची को बागपत से बरामद कर लिया गया। इस मामले में दो आरोपियों अपहरणकर्ता सोनू वाल्मीकि और वारदात में शामिल उसके जीजा नीटू वाल्मीकि को दबोच लिया गया है। तांत्रिक सहित तीन अन्य आरोपियों की तलाश में पुलिस की टीमें दबिश दे रही है। आरोपियों को पकड़ने और बच्ची को सकुशल खोजने वाली टीम को पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने 50 हजार का इनाम दिया है।
नोएडा सेंट्रल डीसीपी हरीश चंदर के मुताबिक, रविवार को दोपहर 12 बजे के करीब मासूम बच्ची छिजारसी गांव में अपने घर के बाहर खेल रही थी। वहां से उसका अपहरण कर लिया गया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने चार टीमें बनाई। करीब 200 लोगों से बात की गई। इस दौरान पुलिस के हाथ एक सीसीटीवी फुटेज लगी। सीसीटीवी फुटेज में आरोपी व्यक्ति बच्ची को अपने साथ ले जाता हुआ नजर आया। आरोपी पीड़ित के घर से 100 मीटर दूरी पर रहता था। आरोपियों की पहचान सोनू पुत्र जगपाल निवासी ग्राम बालेनी और नीटू पुत्र विजा निवासी ग्राम किशनपुर की गई।
पुलिस के अनुसार बच्ची को लेकर सोनू अपनी बहन के घर खामपुर, बागपत गया था। यहां से ही बच्ची को सकुशल बरामद किया गया है। पूछताछ में सोनू वाल्मीकि ने बताया कि उसकी शादी नहीं हो रही थी। इस कारण नजदीकी रिश्तेदार तांत्रिक सतेन्द्र बागपत द्वारा बताया गया कि होली के शुभ मुहुर्त पर देवताओं को खुश करने के लिए एक बच्चे की बलि देनी होगी, तभी शादी हो सकेगी। इस कारण आरोपी सोनू वाल्मीकि ने नीटू की सहायता से बच्ची का अपहरण किया गया। मामले में तांत्रिक अभियुक्त सतेन्द्र व अन्य सहयोगी परिजन रेखा वाल्मीकि एवं वर्षा वाल्मीकि अभी फरार हैं।