देहरादून। एसजेवीएन के प्रबन्ध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने बताया कि कंपनी ने मध्य प्रदेश में 90 मेगावाट फ्लोटिंग सौर परियोजना हासिल की है।
उन्होने बताया कि एसजेवीएन मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में स्थित भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पार्क में इस परियोजना का निर्माण करेगा। इस परियोजना की निर्मित लागत लगभग पांच सौ पिचासी करोड़ रुपए होगी। कमीशनिंग के पश्चा्त, परियोजना पहले वर्ष में दो सौ उन्नीस मिलियन यूनिट और पच्चीस वर्षों की अवधि में पाच हजार एक सौ अठावन मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन करेगी। आरयूएमएसएल और एसजेवीएन के मध्य पच्चीस वर्षों के लिए विद्युत खरीद करार हस्ताशक्षरित किया जाएगा। पीपीए पर हस्ताक्षर करने की तिथि से पन्द्रह माह की अवधि के भीतर परियोजना को कमीशन किया जाएगा।
उन्होने बताया कि, “यह टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल की गई है। जो सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना है। इस परियोजना के कमीशन होने से 2,52,737 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की संभावना है। एसजेवीएन वर्ष 2070 तक भारत को नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन राष्ट्र बनाने में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है।
उन्होने बयाया कि इक्तीस हजार मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ, एसजेवीएनके पास अब लगभग 3.3 गीगावाटक्षमता की उन्नीस सौर विद्युत परियोजनाएं प्रचालन एवं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। वर्तमान में नई परियोजनाओं की वृद्धि से कंपनी वर्ष 2023 तक पांच हजार मेगावाट, 2030 तक पच्चीस हजार मेगावाट और वर्ष 2040 तक पचास हजार मेगावाट स्थापित क्षमता के अपने साझा विजन को साकार करने की ओर बढ़ रहा है।