जोशीमठ। गौरसों बुग्याल में मृत मिले दोनों पर्यटकों की शिनाख्त हो गई है। दोनों पर्यटक मुंबई सिटी, महाराष्ट्र से औली घूमने आए थे। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को कब्जे में लेकर कड़ी मशक्कत के बाद जोशीमठ पहुंचाया। यहाँ उनका पंचनामा व पोस्टमार्टम की कार्यवाही की जाएगी। पर्यटकों की पहचान संजीव कुमार गुप्ता 50वर्ष एवं शिंशा गुप्ता. 35वर्ष के रूप में हुई है। स्थानीय प्रशासन द्वारा आधार कार्ड के अनुसार महाराष्ट्र सरकार को सूचना प्रेषित कर दी गई है।
दोनों पर्यटक 13 दिसम्बर को रोप वे से औली पहुंचे और उसी दिन गौरसों बुग्याल के ट्रैक पर निकल पड़े। दोनों पर्यटकों को 15 दिसम्बर को वापस जोशीमठ लौटना था, किसी पर्यटक द्वारा 31 दिसम्बर की देर सायं को दो मृत शरीर देखने की सूचना पर अगले ही दिन तड़के वन विभाग की टीम को मौके पर भेजा, जहां अलग अलग चार दल बनाकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया और दोनों शव दिखने के बाद तत्काल पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस व एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर दोनों शवों को कब्जे में लेकर जोशीमठ पहुंचाया। जोशीमठ के थानाध्यक्ष आर एस खोलिया के अनुसार दोनों पर्यटक 12 दिसम्बर को जोशीमठ पहुंचे थे, जोशीमठ में वे जीएमवीएन के पर्यटक आवास गृह में रुके और 13 दिसम्बर को चेकआउट कर औली के लिए निकले थे। दोनों पर्यटकों के पास उनके मोबाइल फोन भी नहीं मिले। दोनों पर्यटक रोप वे के दस नंबर टावर से बिना गाइड के ही ट्रैकिंग पर निकले थे। यह सब जाँच के बाद ही सामने आएगा।
नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के डीएफओ एनबी शर्मा के अनुसार औली से गौरसों ट्रैक पर जाने वालों की इंट्री होती है, लेकिन गौरसों पहुंचने के लिए औली के अलावा दो अन्य मार्ग भी हैं, जिसके कारण प्रोपर चैकिंग नहीं हो पाती। उनका कहना था कि इस प्रकार की घटनाओं के बाद वन विभाग को भी सख्ती दिखाते हुए तीनों रूट पर चेकपोस्ट व प्रतिदिन पर्यटकों की सीमित संख्या का निर्धारण करना होगा। बहरहाल इस प्रकार की घटनाओं से पर्यटन व ट्रैकिंग के क्षेत्र में विश्व पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभर रहे विश्व विख्यात हिमक्रीड़ा केन्द्र औली व गौरसों ट्रैक पर विपरीत असर पड़ना स्वाभाविक है। इस पर समय रहते ध्यान दिए जाने की आवश्यक्ता है।