Watershed Management Directorate | उत्तराखंड राज्य वन एवं जल संसाधनों से भरपूर
उत्तराखंड राज्य वन एवं जल संसाधनों से भरपूर है। वाटरशेड प्रबंधन निदेशालय (Watershed Management Directorate) 12,000 से अधिक ग्लेशियर और 8 प्रमुख नदी जलग्रहण क्षेत्र भारत-गंगा के मैदानों की संपूर्ण जल विज्ञान प्रणाली के लिए जीवन रेखा के रूप में कार्य करते हैं।
वन आवरण में कमी, अवैज्ञानिक कृषि पद्धतियों, जलविज्ञान संबंधी असंतुलन और प्राकृतिक आपदाओं के कारण हिमालय जलक्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर बर्बादी और कटाव का लगातार खतरा मंडरा रहा है।
लगातार बढ़ती जनसंख्या, लोगों को बेहतर जीवन गुणवत्ता प्रदान करने की आवश्यकता और प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव समस्या को और बढ़ा रहा है।
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वाटरशेड प्रबंधन निदेशालय (Watershed Management Directorate)
मुद्दे की भयावहता को समझते हुए, उत्तराखंड सरकार ने इसे कम करने के तरीकों में से एक के रूप में वाटरशेड आधारित योजना शुरू की है। और लचीलापन बनाएं।
राज्य में कुल 8 वाटरशेड, 116 उप वाटरशेड और 1110 सूक्ष्म वाटरशेड (हरिद्वार जिले को छोड़कर) की पहचान की गई है, जिनका चरणबद्ध तरीके से पुनर्जनन और सतत विकास किया जा रहा है।
वाटरशेड प्रबंधन निदेशालय (Watershed Management Directorate) (डब्ल्यूएमडी) राज्य का एक विशेष प्रयोजन वाहन है, जो समुदाय के लिए और उसके साथ मिलकर काम करता है, डब्ल्यूएमडी सुशासन के सिद्धांतों पर काम कर रहा है। प्रशासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और उत्तरदायित्व।
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हमारा दृष्टिकोण: सामाजिक रूप से समावेशी, संस्थागत और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ दृष्टिकोण के माध्यम से राज्य के अपमानित जलक्षेत्रों में प्राकृतिक संसाधनों की उत्पादक क्षमता में सुधार करना और ग्रामीण निवासियों की आय में वृद्धि करना।
वाटरशेड प्रबंधन निदेशालय (Watershed Management Directorate)
समग्र विकास, आजीविका के अवसरों में वृद्धि के माध्यम से आय में वृद्धि, गरीबी उन्मूलन, महिलाओं और भूमिहीनों सहित कमजोर समूहों का कल्याण
मिशन वक्तव्य: पारिस्थितिक संतुलन प्राप्त करने के लिए भागीदारी के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों के एकीकृत प्रबंधन के माध्यम से राज्य के वंचित और वर्षा आधारित क्षेत्रों का समग्र विकास, आजीविका के अवसरों में वृद्धि के माध्यम से आय में वृद्धि, गरीबी उन्मूलन, महिलाओं और भूमिहीनों सहित कमजोर समूहों का कल्याण, समानता क्षमता निर्माण के माध्यम से लाभ साझा करने और संस्थागत सुदृढ़ीकरण में।
एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी से उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के सदस्यों ने मुलाकात की
अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी से सचिवालय में उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के सदस्यों ने मुलाकात की। उत्तराखण्ड बेरोजगार संघ के सदस्यों ने एसीएस श्रीमती राधा रतूड़ी को अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया।
माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा युवाओं पर चल रहे मुकद्मों को वापस लेने के निर्देश दिए गए है, जिस पर जल्द ही विधिवत् कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी को आख्या हेतु निर्देशित कर दिया गया है।
अपर मुख्य सचिव ने बेरोजगार संघ से जुड़े सभी युवाओं को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार एवं प्रशासन उनकी सभी समस्याओं के समाधान के हेतु गम्भीरता से कार्य कर रही है।
उन्होंने जानकारी दी कि माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा युवाओं पर चल रहे मुकद्मों को वापस लेने के निर्देश दिए गए है, जिस पर जल्द ही विधिवत् कार्यवाही शुरू कर दी जायेगी। इस सम्बन्ध में जिलाधिकारी को आख्या हेतु निर्देशित कर दिया गया है।
राजभवन में भारत मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने शिष्टाचार भेंट
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से राजभवन में भारत मौसम विज्ञान केंद्र, देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने शिष्टाचार भेंट की।
इस दौरान उन्होंने राज्यपाल को मौसम विज्ञान केन्द्र के क्रियाकलापों और गतिविधियों की जानकारी दी। राज्यपाल ने निदेशक से वर्तमान में मानसून से संबंधित विभिन्न जानकारियों के बारे में चर्चा की।
राज्यपाल ने कहा कि मौसम विज्ञान केन्द्र द्वारा समय-समय पर मौसम परिवर्तन, चेतावनी और मौसम पूर्वानुमान जारी कर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि मौसम विज्ञान द्वारा जारी चेतावनी के आधार पर आम जनमानस पूर्व तैयारी व सतर्कता बरतते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के परिपेक्ष्य में मौसम का सही पूर्वानुमान बेहद जरूरी है।
उन्होंने कहा कि मौसम का सही पूर्वानुमान हमें तैयारी करने का समय देता है। उन्होंने कहा कि मौसम के बदलते स्वरूप को देखते हुए हमारी तैयारियां और तत्परता उसी अनुरूप होना जरूरी है। उन्होंने मौसम विज्ञान द्वारा किये जा रहे कार्यों को सराहा।