Omicron Sub Variant BF 7 उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में नियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सी.एच.ओ) को नियुक्ति पत्र प्रदान
चीन में कोविड-19 संक्रमण में मौजूदा उछाल ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF.7 द्वारा संचालित है। भारत में अब तक BF.7 संस्करण के चार मामलों का पता चला है। गुजरात से दो और ओडिशा से दो मामले सामने आए हैं। जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, डेनमार्क, यूएस और यूके सहित कई अन्य देशों में इस सब-वैरिएंट का पता लगाया जा चुका है। चीन अभी तक एक और कोविड -19 लहर देख रहा है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास देहरादून में उत्तराखण्ड स्वास्थ्य रोजगार सृजन कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में नियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सी.एच.ओ) को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। 13 जिलों में 604 नए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए।
चीन में कोविड-19 संक्रमण में मौजूदा उछाल ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट BF.7 द्वारा संचालित है। भारत में अब तक BF.7 संस्करण के चार मामलों का पता चला है। गुजरात से दो और ओडिशा से दो मामले सामने आए हैं। जर्मनी, बेल्जियम, फ्रांस, डेनमार्क, यूएस और यूके सहित कई अन्य देशों में इस सब-वैरिएंट का पता लगाया जा चुका है। चीन अभी तक एक और कोविड -19 लहर देख रहा है।
BF.7, Omicron संस्करण BA.5 की एक उप-वंशावली है। पीटीआई के अनुसार, यह कम ऊष्मायन अवधि वाला एक अत्यधिक संक्रमणीय संस्करण है। इसमें पुन: संक्रमण पैदा करने की उच्च क्षमता भी होती है और यहां तक कि टीकाकृत व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकता है।
जर्नल 'सेल होस्ट एंड माइक्रोब' में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, BF.7 वेरिएंट में मूल वुहान वायरस की तुलना में 4.4 गुना अधिक न्यूट्रलाइजेशन प्रतिरोध है। इसका मतलब है कि टीकाकरण से एंटीबॉडीज वायरस के खिलाफ पर्याप्त प्रभावी नहीं हैं।
ओमिक्रॉन BF.7 वैरिएंट के लक्षण
नया संस्करण ऊपरी श्वसन संक्रमण के समान लक्षण प्रस्तुत करता है जिसमें बुखार, गले में खराश, नाक बहना और खांसी शामिल है।
कुछ रोगियों को दस्त और उल्टी सहित पेट से संबंधित समस्याओं का भी अनुभव हो सकता है।
अगर किसी को ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो विशेषज्ञ तुरंत जांच कराने की सलाह देते हैं।
इस प्रकार से कोई गंभीर जटिलता नहीं हो सकती है लेकिन यह तेजी से फैल सकता है। इसलिए, शुरुआती पहचान और आइसोलेशन बेहद महत्वपूर्ण हैं।
चूंकि क्रिसमस और नए साल का जश्न नजदीक है, इसलिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग और हैंड सैनिटाइजेशन ऐसे बुनियादी कदम हैं जो संभावित प्रसार को रोकने में मदद कर सकते हैं।
भारत में इन महीनों के दौरान सर्दी, खांसी और अन्य मौसमी बीमारियाँ भी आम हैं। लेकिन आपको इन लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यदि आप या आपके आसपास कोई उपरोक्त लक्षणों का अनुभव करता है, तो तुरंत कोविड टेस्ट करवाएं और सेल्फ-आइसोलेशन का अभ्यास करें।
– कम प्रतिरक्षा अपराधी हो सकती है
– ऐसा माना जाता है कि पिछले संक्रमणों के कारण प्रतिरक्षा का निम्न स्तर चीन में उछाल के पीछे प्रमुख कारणों में से एक हो सकता है।
– रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के उपाय जानने।
भारत में क्या स्थिति है?
भारत में अब तक BF.7 संस्करण के चार मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोगों से कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है। मैंने सभी संबंधितों को सतर्क रहने और निगरानी मजबूत करने का निर्देश दिया है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं।"
स्वास्थ्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव, मनोज अग्रवाल ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को सभी राज्यों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की उचित जांच के साथ-साथ जीनोम अनुक्रमण सुनिश्चित करने के लिए जानकारी दी।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में मौजूद सभी नवनियुक्त कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (CHO) को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा आम जनमानस के बेहतर स्वास्थ्य के लिए हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, साथ ही वेलनेस सेन्टर ग्राम स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का कार्य करते हैं। कोरोना महामारी के दौरान हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टरों की अहम भूमिका रही। कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर्स इन सेंटरों के मजबूत स्तंभ हैं।
देशभर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में इस प्रकार के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य दूर दराज के क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना है। प्रधानमंत्री जी ने 10 लाख युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देने का संकल्प लिया है। यह कार्यक्रम उसी संकल्प का एक हिस्सा है। वर्तमान में उत्तराखंड में करीब 1790 हेल्थ एण्ड वैलनेस सेंटर कार्य कर रहे हैं और अब राज्य को 604 नए CHO मिल गये हैं।
80,000 से ज्यादा स्टार्टअप भारत में स्थापित किए जा चुके है। देश में रोजगार के कई नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। गाड़ियों से लेकर मेट्रो कोच, ट्रेन के डिब्बे, डिफेंस के साजो- सामान, मोबाइल फोन आदि के निर्यात में तेजी आई है। सभी सेक्टरों में निर्यात तेजी से बढ़ रहा है। आज का युवा स्वयं कार्य करने के साथ कार्य देने वाला भी बनना चाहता है। राज्य सरकार स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर उत्पन्न कर रही है, “होम स्टे“ इस क्षेत्र एक बड़ा उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस वर्ष लगभग 19 लाख व्यक्ति हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटरों में जांच हेतु आए और 07 लाख लोगों की मुफ्त जांचें की गई है। 5 लाख लोगों को टेली कंसल्टेशन सुविधा के माध्यम से स्वास्थ्य परामर्श प्रदान किया गया है। राज्य सरकार द्वारा “जन आरोग्य अभियान- एक कदम स्वस्थ जीवन की ओर“ का भी संचालन किया गया, जिसकी भारत सरकार द्वारा भी प्रशंसा की गई।
अभियान के अन्तर्गत कार्यरत सी०एच०ओ० द्वारा लगभग 3.50 लाख व्यक्तियों का पंजीकरण किया गया, जिनकी उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मुख व स्तन कैंसर, नेत्र जांच की गयी, साथ ही टी०बी० रोग से ग्रसित लोगों का उपचार भी किया गया। राज्य सरकार 2024 तक राज्य को टीबी मुक्त बनाएगी। उन्होंने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि नव नियुक्त सी०एच०ओ० हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टरों में आम लोगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी सेवाओं का सफल निष्पादन करेंगे।