दिवाली के शुभ समय में वडाली ब्रदर्सकी प्रस्तुतियों ने विरासत में आये हुए लोगों को मंत्रमुग्ध किया
दिवाली के शुभ समय में वडाली ब्रदर्सकी प्रस्तुतियों ने विरासत में आये हुए लोगों को मंत्रमुग्ध किया
गुलाम अब्बास खान और कश्यप भाइयों जैसेअनुभवी शास्त्रीय संगीतकारों की भूमिका निभाई है। आकाश कई वर्षों से बांसुरी वादकरोनू मुजुमदार के अधीन हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
गुलाम अब्बास खान और कश्यप भाइयों जैसेअनुभवी शास्त्रीय संगीतकारों की भूमिका निभाई है। आकाश कई वर्षों से बांसुरी वादकरोनू मुजुमदार के अधीन हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत का प्रशिक्षण ले रहे हैं।
भारतीय शास्त्रीय संगीत में कईविलक्षणताएं हैं और आकाश उनमें से एक है। उन्होंने 8 साल की छोटीउम्र से बड़े मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
भारतीय शास्त्रीय संगीत में कईविलक्षणताएं हैं और आकाश उनमें से एक है। उन्होंने 8 साल की छोटीउम्र से बड़े मंच पर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
वडाली ब्रदर्स सूफी संत, रोमांटिकलोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी।
वडाली ब्रदर्स सूफी संत, रोमांटिकलोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी।
वडाली ब्रदर्स सूफी संत, रोमांटिकलोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी।
वडाली ब्रदर्स सूफी संत, रोमांटिकलोक गीत, ग़ज़ल, भजन और भांगड़ा पर अपनी प्रसतुतियां दी।
पूरनचंद जी ने अपनी संगीत की शिक्षा पटियाला घरानेके पंडित दुर्गा दास और उस्ताद बड़े गुलाम अली खान जैसे प्रसिद्ध आचार्यों सेप्राप्त की।
पूरनचंद जी ने अपनी संगीत की शिक्षा पटियाला घरानेके पंडित दुर्गा दास और उस्ताद बड़े गुलाम अली खान जैसे प्रसिद्ध आचार्यों सेप्राप्त की।